इन कारणों से हो जाती है बाथटब में मौत, रिसर्च में सामने आये तथ्य

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भारतीय फिल्म जगत की पहली फीमेल सुपरस्टार अभिनेत्री श्रीदेवी के आकस्मिक निधन ने सबको सकते में डाल दिया है. दुबई फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की ओर से सोमवार को जारी की गयी एक रिपोर्ट में श्रीदेवी की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. फॉरेंसिक डिपार्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि श्रीदेवी का निधन दुर्घटनावश बाथटब में गिरने से हुआ था. प्राथमिक जांच में बताया गया था कि कार्डियक अरेस्ट के चलते श्रीदेवी का निधन हुआ था. लेकिन इस रिपोर्ट के खुलासे ने कई अनछुए पहलुओं पर बात करने के लिए बाध्य कर दिया है. श्रीदेवी ही नही उनसे पहले कई सेलिब्रिटीज़ बाथटब में डूबने की वजह से अपनी जान गंवा बैठे हैं. आइये आज हम आपको इस दुर्घटना के मुख्य कारणों और मौत के पीछे छिपे पहलुओं के बारे में बताते हैं.

तीन वजह

अमेरीका के मेरिलैंड में 11 सालों में बाथटब में डूबने से हुई मौतों में से 92 मामलों को लेकर एक अध्ययन किया गया था.  इस अध्ययन के निष्कर्ष में मौत के पीछे के तीन मुख्य कारण सामने आए हैं. सबसे पहली और अहम वजह है हृदय रोग, दूसरा शराब का सेवन और तीसरा जब्ती विकार (मिर्गी) है. इन तीनों बीमारियों में से किसी एक बीमारी या उससे ज़्यादा से ग्रसित व्यक्ति अगर बाथटब में या पानी में गिर जाए तो उसकी मौत की संभावना बढ़ जाती है.

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ह्रदय रोगी का दिल पहले से ही कमज़ोर होता है, ऐसे में बाथटब में गिरने से उसका दिल झटका बर्दाश्त नहीं कर पाता, ऐसे में अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है. शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति पहले से ही बेसुध होता है, ऐसे में अगर उसके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो वह खुद को संभाल नहीं पाता है. मिर्गी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार है. इस विकार से ग्रसित व्यक्ति का दिमाग कभी भी असामान्य व्यवहार कर सकता है.

जापान है दुर्घटना केंद्र

बताते चलें कि बाथटब में डूबने से होने वाली मौतों के मामले में जापान (65 फीसदी) सबसे आगे है. उसके बाद कनाडा और अमेरिका का नंबर आता है. एक लीडिंग अखबार की खबर के मुताबिक जापान की कंज्यूमर अफेयर एजेंसी ने एक साल पहले एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि जापान में बाथटब के पानी का तापमान 41°C से ज्यादा रखा जाता है, यह भी इन मौतों का एक कारण हो सकता है. वहीं जापान के बाथटब की गहराई भी काफी ज्यादा होती है. 2017 में जर्नल ऑफ जनरल एंड फैमिली मेडिसीन में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया था कि जापान में बाथटब दुर्घटना में हर साल 19 हजार लोगों की मौत होती है.