Rajgarh Jail: हम धर्म की दुहाई देते रहे, जेलर ने जबरन जेल में मेरी सेविंग करवा दी… मुस्लिम कैदियों का आरोप

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Rajgarh Jail: हम धर्म की दुहाई देते रहे, जेलर ने जबरन जेल में मेरी सेविंग करवा दी… मुस्लिम कैदियों का आरोप

Rajgarh Jail: हम धर्म की दुहाई देते रहे, जेलर ने जबरन जेल में मेरी सेविंग करवा दी… मुस्लिम कैदियों का आरोप

भोपाल: मध्यप्रदेश के राजगढ़ (rajgarh news update) में न्यायिक हिरासत में दो दिन बिताने वाले एक विचाराधीन कैदी कलीम खान ने आरोप लगाया है कि जेल अधिकारियों ने जबरन सेविंग करवा दी है। आरोप है कि उसके साथ सह आरोपी तालेब की भी सेविंग करवा दी गई। इस घटना के बाद कांग्रेस के एक मुस्लिम विधायक ने जेलर पर कार्रवाई की मांग की है। इन आरोपों के बाद डीआईजी जेल मनसा राम पटेल को जांच के लिए राजगढ़ भेजा गया है।


कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग कर एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है कि क्या सीएम जेलर के खिलाफ कार्रवाई करेंगे या उनके घृणित व्यवहार के लिए उन्हें इनाम देंगे।
दरअसल, कलीम, वाहिद, तालीब, आरिफ और सलमान उर्फ भोला को राजगढ़ के जीरापुर में शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इन सभी को 15 सितंबर को रिहा कर दिया गया। अगले दिन कलीम ने कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि जेलर ने जबरन दाढ़ी हटवा दी।

वाहिद ने आरोप लगाया है कि जेलर ने पहले ही दिन से उनके साथ बदसलूकी की है। अगले प्रार्थना के बाद एक कॉन्स्टेबल ने हमें सेविंग करवाने के लिए कहा।कलीम और तालीब की दाढ़ी लंबी थी जबकि अन्य लोगों की इनकी तुलना में छोटी थी। दोनों आरोप लगाया है कि हमने कॉन्स्टेबल से कहा कि धर्म के लिए दाढ़ी रखी है और इसे काटा जा सकता है लेकिन सेविंग नहीं हो सकती है। वह मान गया और हमने दाढ़ी कटवा ली। इसके बाद जेलर पहुंचे और हमें सेविंग का आदेश दिया। वाहिद ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि जेलर ने हमारी दलीलों को नजरअंदाज कर दिया।

वहीं, ओवैसी ने एमपी सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है और जेलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हालांकि स्थानीय धार्मिक नेताओं ने कहा कि वे नहीं चाहते कि बाहरी राजनीति करें और प्रशासन से निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया। मामले की जांच के लिए एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर और डीआईजी जेल से मिला।

राजगढ़ दरगाह शरीफ के सदर एहतेशाम कुरैशी ने कहा कि राजगढ़ में हमने भेदभाव का सामना नहीं किया लेकिन जेल में यह पहली घटना नहीं है। पहले भी कुछ मामले सामने आए हैं लेकिन उनलोगों पर गंभीर आपराधिक आरोप थ, इसलिए हम इसे कभी सामने नहीं लाए। शिकायत करने से पहले हमारे प्रतिनिधिमंडल ने जेलर से मुलाकात की और उनसे माफी मांगने का आग्रह किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

उन्होंने कहा कि बाहर के कुछ नेता इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि बाहरी लोग हमारी चिंताओं पर राजनीति करें। इस तरह की घटनाओं पर यदि अंकुश नहीं लगाया गया तो यह समाज को विभाजन की ओर ले जाती है। प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता है और जेल में रहने का मतलब यह नहीं है कि हमने अपने सभी संवैधानिक अधिकार खो दिए हैं।

जेल डीआईजी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है। मैं जेल परिसर में हूं। इस समय कुछ भी कहना अनुचित होगा।

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