Rajasthan Assembly Election: कांग्रेस-भाजपा में आगे निकलने की होड़, खोज रहे थर्ड फ्रंट को रोकने का तोड़ | Rajasthan Assembly Election 2023 Special Story Of Ajmer Division | News 4 Social

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Rajasthan Assembly Election: कांग्रेस-भाजपा में आगे निकलने की होड़, खोज रहे थर्ड फ्रंट को रोकने का तोड़ | Rajasthan Assembly Election 2023 Special Story Of Ajmer Division | News 4 Social

Rajasthan Assembly Election: कांग्रेस-भाजपा में आगे निकलने की होड़, खोज रहे थर्ड फ्रंट को रोकने का तोड़ | Rajasthan Assembly Election 2023 Special Story Of Ajmer Division | News 4 Social

Rajasthan Assembly Election 2023: राज्य में किसी भी दल को बहुमत से सरकार बनाने के लिए अजमेर संभाग की सीटों पर कब्जा जमाने के लिए ताकत लगानी पड़ती है। वह इसलिए कि इस संभाग में 29 विधानसभा सीटें हैं और यहां कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा को ज्यादा सीटों पर जीत मिलती रही है।

पत्रिका इलेक्शन डेस्क/जयपुर. Rajasthan Assembly Election 2023: राज्य में किसी भी दल को बहुमत से सरकार बनाने के लिए अजमेर संभाग की सीटों पर कब्जा जमाने के लिए ताकत लगानी पड़ती है। वह इसलिए कि इस संभाग में 29 विधानसभा सीटें हैं और यहां कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा को ज्यादा सीटों पर जीत मिलती रही है। ऐसे में मतदाताओं की नब्ज टटोलना आसान नहीं है। इसलिए इस बार अभी से राजनीतिक दलों ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है।

पीएम मोदी गत मई माह के अंत में अजमेर में रैली के माध्यम से इस संभाग में भाजपा की ओर से प्रचार का आगाज कर चुके हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी इसी साल के शुरुआत में 28 जनवरी को संभाग के भीलवाड़ा में सभा को संबोधित कर चुके हैं।

कांग्रेस की ओर से बुधवार को गुलाबपुरा में कांग्रेस की बड़ी रैली हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने पर जोर दिया। इसी के साथ इस संभाग में कांग्रेस के प्रचार अभियान का आगाज हो गया। इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट गुलाबपुरा में किसान सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं।

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पिछले चुनाव में दोनों दल रहे बराबर
संभाग की कुछ सीटों पर लंबे समय से भाजपा का ही कब्जा चला आ रहा है। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा इसे चुनौती के रूप में ले रही है। अभी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन पिछले चुनाव में अजमेर संभाग में 13 13 सीट लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों बराबरी पर रहीं नागौर जिले में तीसरे दल ने खाता खोला। यहीं से थर्ड फ्रंट की शुरुआत हुई, इसे रोकने के लिए दोनों दल तोड़ खोजने में जुटे हुए हैं। अजमेर और भीलवाड़ा जिले में भाजपा मजबूत रही। वहीं, नागौर और टोंक में कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिली थी।

आगे-पीछे का खेल
विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस की ज्यादा सीटें आई थी और 2003 में भाजपा आगे रही इस तरह इस संभाग में दोनों दलों की सीटों की संख्या में बदलाव आता रहा है।

नए जिलों को लेकर भी सियासत
इस बार भीलवाड़ा जिले से शाहपुरा, अजमेर से केकड़ी और ब्यावर को नया जिला बना दिया गया है। नागौर के डीडवाना कुचामन को भी नया जिला बनाया गया है। ऐसे में कांग्रेस इस संभाग में बनाए गए चार जिलों का श्रेय लेकर सियासी लाभ लेने के प्रयास में है। वहीं भाजपा की परिवर्तन यात्रा नए जिलों में भी जाएगी और सरकार की विफलताएं गिनाने पर जोर देगी। भीलवाडा जिला अब उदयपुर संभाग में शिफ्ट हो गया है।

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चौटाला बोले…..जेजेपी भाजपा से करेगी गठबंधन
हरियाणा की डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि राजस्थान में विकास का पहिया थम गया है। कांग्रेस ने साढ़े चार साल लूट मचाने के अलावा कोई काम नहीं किया है। चौटाला बुधवार को सीकर में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। चौटाला ने कहा कि राजस्थान में इस बार जेजेपी 20 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया पार्टी जल्द भाजपा से गठबंधन करेगी।

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