Railway Track:ज़िदगी को बेपटरी कर रहे मौत के ये टॉप 3 रेलवे ट्रैक, जानिए दिल्ली में कहां-कहां हैं ये

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Railway Track:ज़िदगी को बेपटरी कर रहे मौत के ये टॉप 3 रेलवे ट्रैक, जानिए दिल्ली में कहां-कहां हैं ये

Railway Track:ज़िदगी को बेपटरी कर रहे मौत के ये टॉप 3 रेलवे ट्रैक, जानिए दिल्ली में कहां-कहां हैं ये

नई दिल्लीः दिल्ली में 2021, 2022 और 15 फरवरी 2023 तक 1,812 लोगों की अलग-अलग रेलवे लाइनों पर ट्रेन की चपेट में आने से मौत हुई। इनमें 2021 में 729 लोगों की मौत हुई, 2022 में यह संख्या बढ़कर 995 हो गई और इस साल 15 फरवरी तक 88 लोगों की जान जा चुकी है। रेलवे पुलिस से मिले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2021 में हर दिन दो लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हुई। 2022 में लोगों के मरने का यह आंकड़ा बढ़ा और हर दिन करीब 3 लोगों की ऐसे हादसों में जान गई। इस साल 15 फरवरी तक करीब दो लोग हर दिन ट्रेन की चपेट में आने से मारे जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि विभिन्न रेलवे लाइनों पर ट्रेन से कटकर मारे जाने वालों में अधिकतर रेलवे लाइन पार करते हुए हादसे का शिकार होते हैं। ट्रेन के सामने आत्महत्या करने के मामले दूसरे नंबर पर हैं।

दिल्ली के ये हैं टॉप-3 मौत के रेलवे ट्रैक

दिल्ली में तीन रेलवे लाइनों पर सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं। इनमें 2021 से अभी तक जिस रेलवे ट्रैक पर लोगों की सबसे अधिक मौत हुई हैं, यह रेलवे लाइन है मंगोलपुरी से नांगलोई रेलवे स्टेशन के बीच की। जिसमें इस साल 15 फरवरी तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। 2022 में 57 और 2021 में 68 लोग इस ट्रैक पर अपनी जान से हाथ धो बैठे। मौत के रेलवे ट्रैक में दूसरे नंबर पर सब्जी मंडी और आजादपुर रेलवे स्टेशन वाला रेलवे ट्रैक रहा। जहां 2022 में सबसे अधिक 51 लोगों की मौत हुई। जबकि टॉप-3 में तीसरे नंबर पर हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से ओखला वाला रेलवे ट्रैक रहा। जहां 35 लोग मारे गए। मौत के रेलवे ट्रैक मामले में चौथे नंबर पर लोहे के पुल से शाहदरा रेलवे स्टेशन के बीच की रेलवे लाइन रही। पांचवे नंबर पर बिजवासन, छठे पर मंडावली रेलवे ट्रैक से यमुना ब्रिज और सातवें नंबर पर रेलवे ट्रैक नॉर्थ यार्ड से सदर बाजार आउटर वाला ट्रैक पर रहा।

इन रेलवे लाइनों पर हादसों की वजह

इन रेलवे लाइनों पर हादसों की वजह

दिल्ली में अभी भी कई रेलवे ट्रैक ऐसे हैं। जहां न तो उनके दोनों ओर बाउंड्री वॉल बनाई गई हैं और ना ही फेंसिंग लगाई गई है। ऐसे में लोग शॉर्ट-कट के चक्कर में जब रेलवे लाइन पार करते हैं तो कई बार ट्रेनों की चपेट में आ जाते हैं। रेलवे पुलिस और रेलवे अधिकारियों का कहना है कि असल में इन रेलवे लाइनों पर कहीं लोग तेज गति से आती ट्रेनों को देखे बिना अवैध रूप से रेलवे लाइन पार करते हैं तो कहीं मोबाइल फोन पर बात करते हुए तो कई बार हेडफोन लगाकर बात करते हुए रेलवे लाइन पार करते हैं। ऐसे में तेज गति से आ रही ट्रेन तो एकदम से रुक नहीं सकती, और लोग इनकी चपेट में आ जाते हैं। अब रील बनाते हुए भी कई लोगों की जान जाने के मामले सामने आए हैं। कुछ मामलों में लोगों ने ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या भी की है। अधिकतर मामले लापरवाही से रेलवे लाइन पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आने के सामने आ रहे हैं।

कैसे रोके जा सकते हैं हादसे

कैसे रोके जा सकते हैं हादसे

इस मामले में दिल्ली डिवीजन के डीआरएम डिंपी गर्ग का कहना है कि दिल्ली डिवीजन में 1450 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक है। डिवीजन की ओर से तमाम रेलवे ट्रैक पर बाउंड्री वॉल बनाने और फेंसिंग लगाने का काम किया जा रहा है। कुछ जगह लोग इन्हें तोड़कर या काटकर रेलवे लाइन पार करते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। हालांकि, जिन ट्रैक पर अभी बाउंड्री वॉल और फेंसिंग नहीं लगी है, वहां इसे लगाया जा रहा है। लेकिन, इस काम में कई तरह की परेशानियां भी सामने आ रही हैं। डीआरएम ने लोगों से अपील की है कि वे शॉर्ट-कट के चक्कर में अपनी जिंदगी दांव पर ना लगाएं। रेलवे लाइन को ऑथराइज जगह से ही पार करें। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर लोगों को लगता है कि उनके इलाके में रेलवे लाइन पर एफओबी बनाने की जरूरत है तो वे रेलवे को बताएं। लोगों की जिंदगी बचाने के लिए जरूरत के मुताबिक, एफओबी भी बनाए जाएंगे।

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