PWD ने वसंत विहार के 387 पेड़ों का नहीं रखा ध्यान, लगा 38 लाख रुपये का जुर्माना

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PWD ने वसंत विहार के 387 पेड़ों का नहीं रखा ध्यान, लगा 38 लाख रुपये का जुर्माना

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: पेड़ों की जड़ों के पास एक मीटर जगह खाली न छोड़ने पर वन विभाग ने पीडब्ल्यूडी पर 38 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। नोटिस के बावजूद पीडब्ल्यूडी ने पेड़ों की जड़ों के पास से कंक्रीट को नहीं हटाया है। इसकी वजह से यह जुर्माना लगाया गया है।

वन विभाग ने वसंत विहार में लगे इन पेड़ों के लिए 2015 में पहली बार पब्लिक नोटिस जारी किया था। जनवरी-2022 के ताजा सर्वे में पीडब्ल्यूडी के क्षेत्र में 387 पेड़ों के पास एक मीटर जगह में भी कंक्रीट पाई गई, जिसके बाद प्रति पेड़ 10 हजार रुपये के हिसाब से 38,70,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। शिकायतकर्ता भवरीन कंधारी ने वसंत कुंज में पेड़ों की जड़ों को कंक्रीट में दबाने की यह शिकायत की थी, जिसके बाद साउथ एमसीडी और पीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी किए गए। साउथ एमसीडी ने अपने इलाके के सभी 3909 पेड़ों की जड़ों के आसपास एक मीटर जगह से कंक्रीट हटा ली थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी इसमें नाकाम रहा।

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वन विभाग के अनुसार, पिछले साल 30 नवंबर और 8 को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा था कि वह सरकार की तरफ से निर्माण कार्य व तोड़फोड़ के काम पर लगी रोक हटने के बाद 15 दिन में यह काम पूरा कर लेंगे। 20 दिसंबर 2021 को निर्माण कार्य और तोड़फोड़ पर रोक हटा ली गई, इसके बावजूद डिपार्टमेंट ने पेड़ों की जड़ों के पास से कंक्रीट हटाने का काम पूरा नहीं किया। हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को आदेश दिया था कि 5 जनवरी 2022 तक इसे लेकर अपना जवाब दाखिल करें। लेकिन, पीडब्ल्यूडी की तरफ से यह रिपोर्ट सब्मिट नहीं की गई।

वहीं 1 फरवरी को भी पीडब्ल्यूडी की तरफ से कोई एफिडेविट नहीं दिया गया। विभाग को इसके बाद भी मौका दिया गया, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिली। पीडब्ल्यूडी के इसी रवैये को देखते हुए व पेड़ों के प्रति बरती जा रही लापरवाही के चलते 387 पेड़ों के लिए 38,70,000 रुपये जुर्माना लगाया गया है।

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विकास मार्ग पर निर्माण कार्य के दौरान 80 पेड़ों को पहुंचाया नुकसान
उधर, वन विभाग के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई है कि विकास मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान पीडब्ल्यूडी ने करीब 80 पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है। यह कार्य पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर के पास चल रहा है। वन विभाग के अनुसार काम के चलते तीन पेड़ों को बिना मंजूरी के काटा गया जबकि करीब 80 पेड़ों की जड़ों को नुकसान पहुंचाया गया है। वन विभाग अब इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सुनवाई के लिए पीडब्ल्यूडी के उक्त प्रोजक्ट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को बुलाया गया है। वन विभाग के अनुसार इस सुनवाई में अधिकारी से पूछा जाएगा कि अक्टूबर 2021 में काम को बंद करने का नोटिस देने के बावजूद भी नियमों का उल्लंघन क्यों किया गया? वन विभाग के अधिकारी के अनुसार यह पता लगाया जा रहा है कि इस काम के चलते कहीं और अधिक पेड़ों को नुकसान तो नहीं पहुंचाया गया है? यदि पीडब्ल्यूडी इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका तो उस पर नियमानुसान आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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