प्रणाम अम्मा जी, आपने पहचाना मुझे मैं… और ऐसे आप आसानी से शिकार हो जाते हैं ‘नमस्ते गैंग’ के

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प्रणाम अम्मा जी, आपने पहचाना मुझे मैं… और ऐसे आप आसानी से शिकार हो जाते हैं ‘नमस्ते गैंग’ के

प्रणाम अम्मा जी, आपने पहचाना मुझे मैं… और ऐसे आप आसानी से शिकार हो जाते हैं ‘नमस्ते गैंग’ के

नई दिल्ली: आपने 2006 में आई फिल्म धूम-3 तो देखी होगी। उस फिल्म को आज भी लोग पसंद करते हैं। उस फिल्म में सबसे ज्यादा पसंद किया गया था अभिनेता ऋतिक रोशन का किरदार। ऋतिक रोशन जहां भी चोरी करता था वहां पर अपना एक सिंबल छोड़ जाते थे। पुलिस महकमा हैरान हो गया, उनके सामने ये चोर गुजर जाता था मगर पुलिस चोर को गिरफ्तार नहीं कर पाई। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार 16 साल बाद इस कहानी को क्यों सुनाया जा रहा है। इसका जवाब है ‘नमस्ते गैंग’। राजधानी दिल्ली में ये गैंग भी कुछ ऐसा करता है और इसका ट्रेड मार्क है हाथ जोड़कर नमस्ते करना।

बुजुर्ग लोगों को निशाना बनाता था ये गैंग
मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों को नमस्ते करके गन पॉइंट पर लूटपाट करने वाले नमस्ते गैंग के दो बदमाश गुरुवार तड़के पुलिस का निशाना बन गए। दरअसल विवेक विहार इलाके में स्थित विवेकानंद कॉलेज के पास पिकेट लगाकर जांच कर रही पुलिस टीम से आरोपियों का आमना-सामना हो गया। आरोपियों ने पुलिस की टीम पर दो राउंड फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर से भी दो राउंड गोलियां चलाईं गईं। जिसमें एक गोली अफजाल (32) के पैर में लग गईं। इसके बाद उसे और उसके साथी शाहिद (43) को दबोच लिया गया। अफजाल को अस्पताल ले जाया गया। साथ ही आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों से उनके गैंग के बाकी सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

सीमापुरी इलाके में हुई दो वारदात
2 अगस्त की सुबह ही विवेक विहार और सीमापुरी इलाके में लूट की दो वारदात हुई थीं। दोनों वारदात में बाइकर्स थे, जिन्होंने मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को पहले नमस्ते की थी, इसके बाद गन पाइंट पर लूट लिया था। इनकी मॉडस ऑपरेंडी को देखते हुए ही कई इलाकों में पिकेट लगाकर जांच करने के आदेश दिए गए थे। उसी कड़ी में पुलिस के हाथ यह सफलता लगी। बताया गया है कि अफजाल लोनी, यूपी का रहने वाला है। वह पहले 4 आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। वहीं शाहिद मेरठ का रहने वाला है। खबर लिखे जाने तक उसका आपराधिक रेकॉर्ड खंगाला जा रहा था। दोनों सुबह-सुबह दिल्ली में आकर वारदात करते और वापस यूपी भाग जाते थे।

गाजियाबाद का रहने वाला है सरगना
डीसीपी (शाहदरा) आर. सत्यसुंदरम ने बताया कि इस गैंग का सरगना गाजियाबाद के टीला मोड स्थित फरूक नगर का अफजल (32) है। ये आठ बच्चों का पिता है, जो दूध और फल बेचता है। पहले से इस पर चार चोरी और सेंधमारी के केस हैं। इसके साथ मेरठ के मवाना निवासी छह बच्चों के पिता शाहिद (43) को पकड़ा गया। इनकी निशानदेही पर गाजियाबाद के मुराद नगर का मोहम्मद शमशाद (23) को दबोच लिया गया। इस पर पहले से गैंगस्टर एक्ट समेत आठ केस हैं। इनकी गिरफ्तारी से पांच केस सुलझे हैं। इनके चौथे साथी की तलाश चल रही है।

आरोपियों से बरामद हुआ ये सामान
पुलिस ने आरोपियों से एक पिस्टल, एक देशी कट्टा, आठ कारतूस, एक चोरी की बाइक, एक चोरी का स्कूटर, दो हेलमेट और मंगलवार को वारदात के समय पहने कपड़े बरामद किए हैं। इस ऑपरेशन को गुरुवार सुबह 4:30 बजे विवेकानंद कॉलेज के करीब स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर विकास कुमार, एसआई विनीत और एसआई प्रशांत की टीम ने अंजाम दिया। अफजल और शाहिद को रोकने की कोशिश की तो इन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। एक गोली बैरिकेड पर लगी, जबकि दूसरी पुलिसकर्मी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर। पुलिस ने अफजल के पैर में गोली मार काबू किया।

लगभग 7 सालों से सक्रिय था गैंग
ये गैंग लगभग 7 सालों से दिल्ली एनसीआर में सक्रिय था। अब तक इसने 100 से ज्यादा लोगों को अपना निशाना बनाया। मामला तब तूल पकड़ा जब 2020, 17 अक्टूबर को 70 वर्षीय एक महिला ने इस बारे में शिकायत की थी, तब मामला प्रकाश में आया था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने करीब 60 लाख रुपये तक के गहने चुराए, लेकिन ज्यादातर पैसा वह जुए में हार गया। हरियाणा के फरीदाबाद का रहने वाला चांद मोहम्मद (35) बुजुर्ग लोगों को उनके किसी संबंधी का परिचित या दोस्त बनकर निशाना बनाता था और उनके गहने लूट ले जाता था। ये ही इस गैंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि चांद मोहम्मद ने 2017 के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में ऐसे 100 से अधिक अपराधों को अंजाम दिया था।

नमस्ते बोलते ही हाथ साफ कर देता था गैंग
पुलिस सूत्रों ने बताया है कि नमस्ते गैंग के बदमाश ज्यादातर मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों के साथ वारदात करते हैं। वह बाइक या अन्य वाहनों पर आते हैं, आंटी जी-अंकल जी नमस्ते बोलकर उनसे रास्ता पूछते हैं या कोई और मदद मांगते हैं। इसके बाद जैसे ही टारगेट उनसे बात करने लगता है, तो वह उस पर पिस्टल तान देते हैं। तमाम कीमती सामान लूटने के बाद आरोपी दोबारा नमस्ते बोलकर वहां चले जाते हैं। इस बीच पीड़ित उनका विरोध करता है या कोई और उन्हें बचाने की कोशिश करता है, तो हवा में गोली चलाते हैं। इसके बाद वह विरोध करना बंद नहीं करते तो वह लोगों को भी गोली मारने से परहेज नहीं करते। इस गैंग के ज्यादातर बदमाश वेस्टर्न यूपी के हैं। वह दिल्ली के आस-पास जैसे लोनी, शालीमार गार्डन, गाजियाबाद आदि इलाकों में फ्लैट लेकर रहते हैं। कुख्यात अपराधी अपने साथ नए-नए लड़के रखकर इसी तरह वारदात करते हैं और वापस अपने अड्डों पर चले जाते हैं। अफजाल उन्हीं में से एक है।

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