हाल ही में 26 जनवरी के दिन कासगंज में हुई हिंसा की घटना के बाद सभी राजनैतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. लेकिन क्या ये बयानबाज़ी भविष्य में ऎसी घटनाओं को रोक पाएगी. क्या पुलिस और प्रशासन को भविष्य में ऎसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े क़दम उठाने की ज़रुरत नही है. कितना अच्छा हो कि राजनैतिक पार्टियां आपसी मुनाफा ना देखकर एक आमजन की भलाई का सोचें.
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