सरकार के कामों की आलोचना नहीं कर सकेंगे केन्द्रीय कर्मचारी

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केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के कर्मचारियों के लिये आदर्श आचरण नियमावली जारी की है. इन नियमो के अनुसार कोई भी कर्मचारी राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकता और सरकारी नीतियों या कार्यों की आलोचना पर भी रोक लगायी जा सकती है. इन नियमों का असर सरकारी कंपनियों में काम करने वाले 12 लाख से भी ज़्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा.

केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) एकीकृत आदर्श आचरण, अनुशासन और अपील नियम में कहा गया है कि कर्मचारियों को किसी भी तरह का तोहफा लेने से बचना चाहिए. साथ ही सार्वजनिक जगहों  पर नशीली दवा या पेय पदार्थ लेने, नशे की हालत में सार्वजनिक स्थानों पर जाने तथा नशीले पदार्थ या नशीली दवा का अधिक मात्रा में उपयोग करने से भी परहेज करना चाहिए.

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इन नियमों के मुताबिक, कोई भी कर्मचारी ऐसे कोई बयान नहीं देगा, जिसमें केंद्र या राज्य सरकार या सीपीएसई की नीतियों और कार्यों के प्रतिकूल आलोचना का प्रभाव हो। इसमें कर्मचारी के नाम से प्रकाशित दस्तावेज या किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर प्रकाशित दस्तावेज, प्रेस, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से किसी भी तरह का संचार या सार्वजनिक रूप से बोलना शामिल है।

सार्वजनिक उद्यम विभाग के नए नियमों के मुताबिक सीपीएसई कोई भी कर्मचारी खुद या फिर किसी ऐसे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेगा, जिससे अपराध को शह मिलती हो।