NPA – OPS विवाद के बाद केंद्र-राजस्थान सरकार के बीच रिफाइनरी पर ठनी, हरदीप पुरी बोले- गहलोत सरकार ने ऐसा करवाया काम ठप
केंद्र की ओर से बजट आवंटित नहीं करने के सीएम गहलोत के आरोपों पर इस दौरान मंत्री पुरी ने पलटवार किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार परियोजना के लिए अपने हिस्से का 2,500 करोड़ रुपये नहीं दे रही है। परियोजना में देरी से बचने के लिए केंद्र सरकार पैसा देकर राज्य सरकार का हिस्सा 26 फीसदी से घटाकर 16 फीसदी करेगी।
कोविड के वजह से रिफाइनरी का हुआ था धीमा
2013 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इसके बाद राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद परियोजना का काम पांच साल तक लटका रहा। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी जगह पर काम शुरू किया था। उसके बाद से रिफाइनरी का काम शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बन गई। अशोक गहलोत के सीएम बनने के बाद 2022 में रिफाइनरी परियोजना शुरू करने का लक्ष्य रखा गया। उस समय रिफाइनरी का प्रोजेक्ट पूरा होने वाला था, लेकिन कोविड की वजह से प्रोजेक्ट का काम धीमा हो गया।
रिफाइनरी परियोजना की लागत 72,000 करोड़
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, जब राजस्थान की बाड़मेर रिफाइनरी का प्रोजेक्ट बना था। इस समय केंद्र सरकार का 74 फीसदी और राजस्थान का 26 फीसदी हिस्सा तय था। 2017 में केंद्र सरकार ने लागत तय की थी। इसके बाद कोरोना काल में रिफाइनरी का काम बंद हो गया। इस बीच 2017 से 2021-22 तक स्टील की कीमतों में 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसकी जानकारी राजस्थान सरकार को दे दी गई है। अगस्त 2021 में राज्य सरकार की ओर से 2,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट बढ़ाया गया था। इससे रिफाइनरी परियोजना की लागत अब 72,000 करोड़ रुपये हो गई है।
पुरी बोले गहलोत के आरोप सरासर झूठ
गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि गहलोत सरकार लगातार केंद्र सरकार पर रिफाइनरी के लिए बजट नहीं देने का आरोप लगा रही है। यह सरासर झूठ है। उन्होंने कहा, स्टील की कीमतें 45 फीसदी तक बढ़ गई हैं। जिसके चलते राज्य सरकार का हिस्सा 2500 करोड़ रुपये बढ़ गया है। राज्य सरकार अब तक बजट नहीं दे पा रही है। अगर राज्य सरकार बजट नहीं दे पाती है तो भी केंद्र सरकार अतिरिक्त पैसे खर्च कर रिफाइनरी का काम जल्द पूरा कर लेगी। इससे राज्य सरकार की हिस्सेदारी 26 फीसदी से घटकर 16 फीसदी रह जाएगी।
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