NCRTC तैयार करेगा रैपिड रेल कॉरिडोर का जोनल प्लान.. कमर्शल, रेजिडेंशियल, एजुकेशनल लैंड यूज तय किए जाएंगे

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NCRTC तैयार करेगा रैपिड रेल कॉरिडोर का जोनल प्लान.. कमर्शल, रेजिडेंशियल, एजुकेशनल लैंड यूज तय किए जाएंगे

NCRTC तैयार करेगा रैपिड रेल कॉरिडोर का जोनल प्लान.. कमर्शल, रेजिडेंशियल, एजुकेशनल लैंड यूज तय किए जाएंगे

गाजियाबाद:रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का जोनल प्लान तैयार किए जाने की हरी झंडी मिल चुकी है। जीडीए वीसी राकेश कुमार सिंह की उपस्थिति में शनिवार एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र के बारे में जानकारी दी है। फिलहाल जीडीए की तरफ से जोनल प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी एनसीआरटीसी को देने का विचार है। इसके लिए आने वाली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव पास होने के बाद एनसीआरटीसी आरआरटीएस का जोनल प्लान तैयार करेगा। रैपिड रेल कॉरिडोर के दोनों तरफ 1.5 किमी के एरिया को प्रभावित क्षेत्र माना गया है। इसके आधार पर ही जोनल प्लान तैयार किया जाएगा।

जोनल प्लान तैयार किए जाने से प्रभावित क्षेत्र में आने वाली जमीन का लैंड यूज स्पष्ट कर दिया जाएगा। इसमें मिक्स लैंड यूज, कर्मशल, रेजिडेंशियल, एजुकेशनल और अन्य तरह के लैंड यूज को पूरी तरह से क्लियर किया जाएगा। खास बात यह है कि जरूरत को देखते हुए लैंड यूज फाइनल किया जाएगा। जीडीए के अधिकारियों की माने तो मास्टर प्लान में बड़े स्तर पर लैंड यूज की बात होती है। जोनल प्लान में बारीकी से लैंड यूज को स्पष्ट किया जाता है।

पब्लिक को मिलेगा फायदा
एक्सपर्ट बताते हैं कि जोनल प्लान के तैयार किए जाने से पब्लिक को कम से कम अपने वाहन का प्रयोग करना होगा। उसकी जरूरत की सभी सुविधाएं कॉरिडोर के डेढ़ किमी के रेडियस में ही मिलनी शुरू हो जाएगी। इससे वाहन कम चलेंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक प्रयोग होगा। प्रदूषण भी कम फैलेगा।

शासन की तरफ से टीओडी पॉलिसी की मंजूरी दी गई थी। अब आरआरटीएस कॉरिडोर के दोनों तरफ से जोनल प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिए एनसीआरटीसी की टीम ने अभी प्रभावित क्षेत्र का प्रजेंटेशन दिया है। अब जोनल प्लान भी उन्हीं से तैयार करवाया जाएगा।

राकेश कुमार सिंह, वीसी, जीडीए

जीडीए को मिलेगी आर्थिक मजबूती
आरआरटीएस कॉरिडोर का जोनल प्लान तैयार किए जाने के बाद जीडीए को आर्थिक मजबूती मिलेगी। क्योंकि इस जोनल प्लान के एरिया में जीडीए अधिक फ्लोर एरिया रेश्यो यानी एफएआर बेच सकेगा। यहां पर जीडीए केवल 2 एफएआर तक नहीं बल्कि 5 एफएआर तक दे सकेगा। निर्मित क्षेत्र में 3.5, विकसित में 4 और अविकसित क्षेत्र में 5 एफएआर देने की व्यवस्था बनाई गई है।

लैंड यूज बदलने से मिल जाएगी राहत
साहिबाबाद से लेकर मोदीनगर तक इस कॉरिडोर के डेढ़ किमी के एरिया में जिन लोगों की जमीन आ रही है। उन्हें कृषि से कर्मशियल और अन्य लैंड यूज में चेंज करवाने से काफी राहत मिल जाएगी। जोनल प्लान में मिक्स से लेकर अन्य तरह सभी तरह के लैंड यूज कर दिया जाएगा। इससे लोगों को नीचे दुकान के साथ ही ऊपर फ्लैट बनाकर बेचने की सुविधा मिल जाएगी।

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