करोड़ों के खर्चे से अपग्रेड होंगे नौसेना के उपकरण

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नौसेना के निगरानी विमान पी 8आई की ट्रेंनिंग के लिए सॉल्यूशन और थल सेना के लिए संचार उपकरण खरीदे जाएंगे. अमेरिका के बोइंग कंपनी से 1949.32 करोड़ की लागत से नौसेना के पायलट के लिए सॉल्यूशन लिये जाएंगे. इस सॉल्यूशन को खरीदने की एक ख़ास वजह है. दरअसल इसके ज़रिये अब ट्रेनी पायलट को लाइव एयरक्राफ्ट के बजाय सिम्युलेटर पर ट्रेंनिंग दी जाएगी.

ट्रेनिंग के खर्चों को कम करेगा ये सॉल्यूशन

इस सॉल्यूशन की मदद से कम खर्च तो आएगा ही बल्कि ट्रेनिंग में भी आसान होगी. आपको बता दें कि नौसेना में समुंद्र में लंबी दूरी तक निगरानी करने के लिए 2013 से पी-8 आई विमान हैं. ये गहरे समंदर में भी गश्त लगा रही दुश्मन की पनडुब्बी का पता लगा पाने में सक्षम है. फिलहाल भारतीय नौसेना के पास ऐसे आठ एयरक्राफ्ट हैं और चार नए लेने के लिए आर्डर दिये गये हैं.

Navy fighters -

थलसेना के लिए भी लेंगे नए उपकरण

नौसेना के अलावा थल सेना के लिए 470 करोड़ की लागत से अपग्रेड संचार उपकरण भी लिए जाएंगे ताकि सेना आतंकियो के पास मौजूद अत्याधुनिक संचार उपकरण से मुकाबला कर पाए. इससे पहले दो जनवरी को वायुसेना के लिए स्मार्ट बम और नौसेना के लिए बराक मिसाइल खरीद के लिए भी मंजूरी दी गयी थी.

इस संचार प्रणाली को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगाए जाने की संभावना है. नौसेना के पी8आई एंटी-सबमरीन युद्ध विमान के सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण समाधान पर मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास समाधान आई-8आई विमान और मिशन प्रणालियों की तरह ही है. यह भारतीय नौसेना को प्रशिक्षित करने और पी-8आई में विमान से जुड़े मिशनों का अभ्यास करमे में मदद करेगा.