Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया की जमानत पर क्यों दे दी विनोद दुआ की दलील, जानें सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
SC बोला, हाईकोर्ट चले जाइए
शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के तहत जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि अदालत ने हाल ही में कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी, क्योंकि उसमें दो राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को जोड़ा गया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ खेड़ा की विवादित टिप्पणी से संबंधित एक मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दी गई है। पीठ ने कहा, ‘उसमें प्राथमिकियों को जोड़ने का अनुरोध किया गया था। आप FIR रद्द कराने या जमानत लेने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।’
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दिवंगत पत्रकार विनोद दुआ मामले का जिक्र
सिंघवी ने कहा, ‘माननीय 32 फैसले सुनाए गए हैं और यह मामला विनोद दुआ के फैसले के दायरे में आता है।’ दिवंगत पत्रकार को एक यूट्यूब कार्यक्रम में 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कठोर कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की थी। इसके बाद पीठ सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गई।
दोपहर 3:50 पर होगी मामले की सुनवाई
चीफ जस्टिस ने पहले कहा कि पीठ तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामलों पर सुनवाई के बाद दोपहर से पहले याचिका पर सुनवाई करेगी। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ‘शिवसेना’ के राजनीतिक संकट पर 5 जजों की संविधान पीठ के सुनवाई करने के बाद, दोपहर तीन बजकर 50 मिनट वह सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करेगी। शराब घोटाले में भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने कहा था, ‘उचित और निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित तथा वैध जवाब मिलें और इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है।’