गुजरात दंगे: हमने प्रेग्नेंट औरत को ऐसे सामने से तलवार से चीरा उनको बता दिया हम क्या हैं- बाबू बजरंगी

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गुजरात दंगों को दो दशक होने आ रहे हैं मगर अब तक इस ज़ख्म के घाव हरे हैं। आज गुजरात दंगों के दो मुख्य आरोपियों माया कोडनानी और बाबू बजरंगी की किस्मत का फैसला हुआ है। हाई कोर्ट ने माया कोडनानी के खिलाफ अपर्याप्त सबूत होने के कारण उन्हें बरी कर दिया है वहीं बाबू बजरंगी को आजीवन कारावास की सज़ा दी है।

कहा जाता है कि गुजरात दंगो के दिशा-निर्देश माया कोडनानी ने दिये थे और बाहर जाकर उन निर्देशों का पालन बाबू बजरंगी ने किया था। इस काम में बाबू के साथ सैकड़ों हिन्दू कार्यकर्ता थे। 2002 में गुजरात के नरोदा पाटिया इलाके में हुए नरसंहार मामले में बाबू बजरंगी मुख्या आरोपी है। आज हाई कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सज़ा सुनायी है, जिसके तहत पहले से जेल में बंद बाबू बजरंगी को अब अपनी पूरी ज़िंदगी सलाखों के पीछे ही काटनी होगी।

बदले के लिए ली सैकड़ों जानें

गुजरात दंगों के बाद जो आरोपी सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं, उसमें बाबू बजरंगी का नाम प्रमुख है। चार्जशीट के मुताबिक बाबू बजरंगी ने अल्पसंख्यकों के इलाके में घुसी भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें मार-काट के लिए उकसाया। 2002 में 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस में कारसेवकों को जलाए जाने की घटना के अगले दिन 28 फरवरी को हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में उन्मादी भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी।

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वीडियो में कुबूला हर जुर्म

तहलका ने दस वर्ष पहले नरोदा पाटिया इलाके के मुख्य आरोपी बाबू बजंरगी का स्टिंग किया था। यू-ट्यूब पर 25 अक्टूबर 2007 की तिथि का यह वीडियो मौजूद है। इस वीडियो में बाबू बजरंगी को नरोदा पाटिया में दंगे के दौरान मार-काट की घटना के बारे में बताते हुए दिखाया गया है। वीडियो में बाबू बजरंगी ने अपने क्रूरतम रूप की गाथा सुनायी है। बाबू ने भीड़ को संभालने और लोगों को मारने के अलावा पीएसी के अफसर पर गोली चलाने तक का अपराध कुबूला है। इस वीडियो की दिलचस्प बात ये है कि पूरी वार्ता के दौरान बाबू बजरंगी के चेहरे पर एक बार भी शिकन या अफ़सोस नहीं दिखा, बल्कि वो अपने कारनामों से बेहद खुश है और हँस रहा है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि बाबू बजरंगी कह रहा है कि ट्रेन जलाने की घटना के बाद उसका खून खौल उठा। जिसके बाद उसने कार्यकर्ताओं के साथ इलाके में मार-काट शुरू कर दी। उसने बच्चे-बूढ़े, आदमी-औरत किसी को नही छोड़ा। वहाँ पास में ही एक गहरा गड्ढा था उसने उस गड्ढे में ही सारी लाशें डाल दी। एक शख्स इस घटनाक्रम की वीडियो बना रहा था, उसे भी तेल डालकर जला दिया गया। किसी उम्र के व्यक्ति को नहीं छोड़ा गया। लाशों का ढेर लगा दिया गया। फिर बाबू बजरंगी ने रात के दो बजे राज्य के गृहमंत्री को फोन कर कहा-…इतने लोग मार डाले गए हैं, बाकी आप संभाल लो।

मुफ्त के तेल से जला डाला सबकुछ

वीडियो में मौजूद बाबू बजंरगी एक जगह कहता है कि लोगों को जलाने के लिए कई पेट्रोल पंप से उसे मुफ्त में तेल मिला। जब मार-काट चल रही थी तो तमाम लोग जान बचाने के लिए माथे पर टीका और भारत माता की जय, जय श्री राम कहकर भाग रहे थे। हमे पता था कि वो लोग भाग रहे हैं, पर कुछ बच के निकल गए। हमने एक गर्भवती महिला को तलवार से सामने से चीरा, हमे इतना अच्छा लगा मुसलामानों को मारकर। हमने उन्हें बता दिया कि हमे परेशान करने का क्या परिणाम है। हम दाल-कढ़ी वाले नही हैं।

तत्कालीन मुख्यमंत्री का सहयोग

वीडियो में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम भी आया है। बाबू बजरंगी कह रहा है कि नरेन्द्र भाई ने उस टाइम हमारी बहुत मदद की। उन्होंने ही 4 बार जज बदले तब जाकर मुझे ज़मानत मिली। बाबू बजरंगी ने बताया कि पहले के तीनों जजों ने मुझे सीधे फांसी देने का हुक्म दिया था। लेकिन नरेन्द्र मोदी द्वारा नियुक्त किये गए चौथे जज ने बिना केस पढ़े ही मुझे बरी कर दिया। मैं जब जेल में था तब नरेन्द्र भाई ने मुझे आश्वासन दिया कि वो मुझे निकालेंगे। उन्होंने मेरी बहुत मदद की।

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कौन है बाबू बजरंगी

बाबू बजरंगी का मूल नाम बाबूभाई पटेल है। शुरुआत में यह आरोपी बजरंग दल से जुड़ा थे, मगर दो साल बाद विश्व हिंदू परिषद की सदस्यता ली। विहिप में भी मन नहीं लगा तो बाद में शिवसेना से जुड़ गया। 2002 में जब नरोदा पाटिया इलाके में बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ तो भाजपा सरकार में तत्कालीन मंत्री माया कोडनानी और हिंदू नेता बाबू बजरंगी पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगा। शुक्रवार(20 अप्रैल,2018) को गुजरात हाईकोर्ट की ओर से दिए फैसले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया गया, वहीं जेल में बंद बाबू बजरंगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा दी थी।