स्थापना दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में तीखा विरोध प्रदर्शन

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हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) में इस वर्ष 08-09 जनवरी को 20 वां स्थापना दिवस के अवसर पर वर्तमान कुलपति गिरीश्वर मिश्र द्वारा लंबे समय से जारी छात्र  सुविधाओं में कटौती  के तहत इस बार फूड फेस्टिवल, फूड कूपन और पुस्तक मेले का आयोजन नहीं किया गया। इसके विरोध में विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के गांधी प्रतिमा के पास बैठ कर अपना तीखा विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया। विश्वविद्यालय के छात्रों ने आरोप लगाया कि कुलपति विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस पर होने वाले कार्यक्रम की परंपरा को समाप्त कर इस कार्यक्रम हेतु खर्च पैसे में भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय अपना स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 31 दिसंबर को मनाता आ रहा था परंतु इस बार 08 व 09 जनवरी को मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष यह तीन दिन का होता था लेकिन इस बार दो दिन का ही समारोह मनाया जा रहा है। इससे पहले स्थापना दिवस पर फूड फेस्टिवल स्टॉल  लगाए जाते थे और स्टॉल में खाद्य सामग्री लेने के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से ₹100 का नि:शुल्क कूपन प्रत्येक विद्यार्थी को दिया जाता था। फूड फेस्टिवल ना होने से विश्वविद्यालय में प्रति  विद्यार्थी ₹100 रुपए बचा लिया गया। दूसरी महत्वपूर्ण चीज यह है की पुस्तक प्रदर्शनी इसमें देश के बड़े-बड़े प्रकाशक अपने स्टॉल लगाया करते थे। जिससे यहां पर छात्र अपनी जरूरत की पुस्तक खरीद लिया करते थे। विश्वविद्यालय  गैर हिंदी भाषी क्षेत्र में स्थित होने के कारण हिंदी में किताबों के लिए छात्रों को बहुत भटकना पड़ता है। यहाँ तक विद्यार्थियों को पुस्तक खरीदने इलाहाबाद से दिल्ली तक जाना पड़ता है।

sthapna divas -

विद्य्राथियो के विरोध को देखते हुए सुबह कार्यक्रम स्थल पर जब विद्यार्थी नहीं पहुंचे तो विश्वविद्यालय के विभिन्न शिक्षकों और कर्मचारियों को भीड़ इकट्ठा करने के लिए लगा दिया गया। कर्मचारी और शिक्षक छात्रावास के कमरे-कमरे जा विद्यार्थियों से कहते रहे की कार्यक्रम स्थल पे चलिए। यहाँ तक कि कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए छात्रावास में वाहन तक व्यवस्था तक को लगाया गया था। तमाम प्रयासों के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की बढ़ी संख्या को इकट्ठा करने में नाकाम रहा। विद्यार्थियों की उदासीनता के कारण स्थापना दिवस का समारोह अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष काफी  फीका रहा।

इन्हीं सब समस्याओं को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों ने कुलपति के विरोध में अपना विरोध प्रदर्शन गाँधी हिल्स पर गाँधी प्रतिमा के निचे शांति ढंग से बैठ अपना विरोध दर्ज करवाया। इस विरोध को विद्यार्थी के द्वारा उत्सव में न जाकर भी विद्यार्थियों ने निष्क्रिय विरोध दर्ज भी कराया।

छात्र एवं छात्र संगठनो की संगठनों ने मांग किया कि स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम पूर्व की भाती पुनः शुरू किए जाएं एवं इन कार्यक्रमों हेतु खर्च होने वाले पैसे की जांच भी की जाए।

Report by: Rajesh Sarthi