दोस्ती करें, लेकिन उससे पहले जान लें ‘महाभारत’ की ये तीन सीख

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धरती पर मौजूद तमाम धार्मिक ग्रंथ मनुष्यों को धर्म की जानकारी देने के अलावा, उन्हें जीवन में काम आने वाली बहुत-सी सीखों से अवगत कराते हैं। जिन्हें क्रियान्वित करके मनुष्य अपने जीवन में सही और ग़लत का फर्क पता कर सकता है। ऐसी ही तीन सीख, जो लोगों को किसी से दोस्ती करने से पहले ‘महाभारत’ से सीखनी चाहिए।

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शिक्षा और ज्ञान

महाभारत में बताया गया है कि किसी भी इंसान से दोस्ती करने से पहले यह ज़रूर परख लेना चाहिए कि उस व्यक्ति के ज्ञान का स्तर क्या है। कई लोगों का मन पढ़ने-लिखने में नहीं होता। फालतू घूमना, हंसी-ठिठोली करना, दूसरों का मज़ाक उड़ाना आदि ही उनका स्वभाव होता है। ऐसे लोगों से जितना दूर रहा जाए, उतना ही अच्छा माना जाता है। अच्छी विद्या या ज्ञान वाला मनुष्य ही अपने दोस्तों को ग़लत राह पर चलने से रोक सकता है।

परिवार के बारे में जानकारी

महाभारत दोस्ती के मामले में दूसरी सीख ये सिखाती है कि जिस मनुष्य के परिवार में दुष्ट, चोर या पापी प्रवृत्ति लोग रहते हों, उससे भूलकर भी दोस्ती नहीं करनी चाहिए। चाहे वह मनुष्य अपने-आप में कितना ही अच्छा हो क्यों ना हो, लेकिन अपने परिवार की आदतों और कर्मों का परिणाम उसे भी झेलना पड़ता ही है। जिस तरह गेंहू के साथ घुन भी पिस जाता है, उसी तरह विपत्ति आने पर ऐसे व्यक्ति का परिवार उसके साथ-साथ आपके लिए भी मुसीबत का कारण बन सकता है। इसलिए किसी से भी दोस्ती करने से पहले इस बात की जांच जरूर कर लें।

आदतें और काम

मनुष्य की आदतें और उसका पेशा यानी काम जानना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर, किसी की बुरी आदतों को जाने बिना ही या उन्हें नज़रअंदाज़ करके आप किसी से दोस्ती कर लेंगे तो, कभी ना कभी इनका दुष्परिणाम आपको झेलना ही पड़ेगा। हो सकता है, उसकी आदतों या कामों की वजह से आपको भी अपमानित होना पड़ जाए। इसलिए, दोस्ती करने से पहले सामने वाले की आदतों के बारे में ज़रूर जान लेना ज़रूरी होता है। अगर, उसमें नशा करना, चोरी करना, बहुत ज़्यादा गुस्सा करने जैसी कोई भी बुरी आदत हो तो ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाए रखना ही बेहतर होता है।