एक बार फिर लैब टेस्ट में फेल हुई Maggi, योगी सरकार ने किया 45 लाख का जुरमाना

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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के प्रशासन ने नेस्ले के लोकप्रिय ब्रांड मैगी के लैब जांच में कथित तौर पर फेल हो जाने पर नेस्ले इंडिया और इसके वितरकों पर जुर्माना लगाया है। इस बीच, नेस्ले इंडिया ने कहा कि ‘‘यह त्रुटिपूर्ण मानकों को प्रयोग में लाने का मामला है।’’ जिला प्रशासन ने नेस्ले पर 45 लाख रुपए जबकि इसके तीन वितरकों पर 15 लाख रुपए और इसके दो विक्रेताओं पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।

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जिले के अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन ने पिछले साल नवंबर में नमूने इकट्ठा किए थे और उन्हें लैब जांच के लिए भेज दिया था। जांच में पाया गया कि मैगी के उन नमूनों में इंसान की खपत के लिए तय सीमा से अधिक मात्रा में राख थी। लैब जांच के नतीजों पर सवाल उठाते हुए नेस्ले इंडिया ने कहा कि उसे अब तक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है और वह आदेश मिलते ही अपील दायर करेगी।

नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘निर्णय करने वाले अधिकारी की ओर से पारित आदेश हमें प्राप्त नहीं हुए हैं, लेकिन हमें बताया गया है कि ये नमूने 2015 के हैं और यह मुद्दा नूडल्स में ‘राख की मात्रा’ से जुड़ा है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यह त्रुटिपूर्ण मानकों को प्रयोग में लाने का मामला है और हम आदेश प्राप्त करते ही तुरंत अपील दायर करेंगे।’’ आपको बता दें कि भारत के खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जून 2015 में मैगी पर बैन लगा दिया था। FSSAI की तरफ से कहा गया था कि मैगी में लीड की मात्रा जरूरत से ज्यादा जो कि शरीर के लिए हानिकारक है। इसके बाद मार्केट से मैगी नूडल्स को हटा दिया गया था। उस वक्त भी नेस्ले के मैगी नूडल्स के लिए मुसीबत की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई थी। हालांकि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मैगी ने नवंबर 2015 में मार्केट में वापसी कर ली थी।