Largest Jinalaya In Sagar : एमपी में बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा जिनालय, 2025 में होगा तैयार, जानिए खासियत

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Largest Jinalaya In Sagar : एमपी में बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा जिनालय, 2025 में होगा तैयार, जानिए खासियत

सागर : दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी जिनालय मप्र (world largest Jinalaya in mp) के सागर में आकार ले रहा है। इसे अंतिम स्वरूप 2025 तक दे दिया जाएगा। कारीगरी का यह अद्भुत नमूना 250 से ज्यादा कारीगर तैयार कर रहे हैं। इसमें तीन लाख घनमीटर से अधिक गुजरात और राजस्थान के पत्थर का उपयोग होगा, जिसकी 500 साल पुरानी चूना पद्धति से जुड़ाई की जा रही है। स्तंभों और दीवारों पर जैन धर्म (world largest Jinalaya built in sagar) को उकेरा जाएगा। पहले ऋषभ भगवान से लेकर भगवान महावीर तक 24 तीर्थंकरों गुणगान कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। यह मंदिर अपने आप में जैन धर्म के लिए एक विरासत है।


मंदिर सागर-बीना रोड पर स्थित भाग्योदय तीर्थ में कई सालों से तैयार हो रहा है। माना जा रहा है कि लगभग दो से तीन साल में इसे बनकर तैयार हो जाना चाहिए। बीते दिनों कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते निर्माण कार्य प्रभावित हुआ था। वहीं, परिसर में ही भाग्योदय तीर्थ का एक बड़ा अस्पताल है, जिसमें कोरोनाकाल में लोगों को सेवाएं दी गई थीं। मंदिर निर्माण में 10 लाख घन फीट पत्थर लगेगा।

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ये हैं खास 504 स्तंभ
तीन तल के इस जिनालय में 324 मूर्तियां होंगी। आठ मंडप, हर खंड पर 168 से हिसाब से कुल 504 पोलर होंगे, जिनमें हर पिलर दूसरे से अलग होगा। हर एक पिलर पर अलग कलाकृति उकेरी जाएगी। इसे बाहर के लोग काफी बारीकी से बना रहे हैं।

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क्या होता है चतुर्मुखी
इस मंदिर में चारों तरफ से प्रवेश किया जा सकता हैं। चार द्वारों के कारण यह चतुर्मुखी मंदिरों की श्रेणी में सबसे बड़ा मंदिर बन जाता है। चारों तरफ करीब 100 फीट चौड़ाई लिए किसी नदी के घाट की तरह 19 सीढ़ियां बन रही हैं और इसे विशालकाय बनाते हैं।

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ऐसा होगा आकार
जानकारों ने बताया कि मंदिर में तीन खंड होंगे। मंदिर के हर खंड में 108 मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। ऊंचाई 216 फीट रहेगी। साथ ही प्रवेश द्वार एक समान बनाए जाएंगे। मंदिर के चारों तरफ 94 फीट चौड़ी 19 सीढ़ियां बनेंगी। मंदिर निर्माण का कार्य 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसका शिलान्यास 19 फरवरी 2017 को हुआ था, तभी से काम शुरू हो गया था। मंदिर निर्माण में गुजरात और राजस्थान के 250 मजदूर काम कर रहे हैं।

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