राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पास तो कोइ निजी हेलीकाप्टर नहीं है और जब भी वो निजी दौरे पर कहीं जाते थे तो वो सरकारी हेलीकॉप्टर से भ्रमण करते थे जेल में जाने से पहले पर उनके खिलाफ बिना अनुमति के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर हेलीकॉप्टर उतारने के आरोप लगाए गए थे । लालू प्रसाद यादव की ओर से अधिवक्ता संतोष बसंत ने बहस की जबकि परिवादी की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बहस की थी ।
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने एसडीजेएम (पश्चिमी) के कोर्ट में दो अगस्त, 2007 को परिवाद दायर किया था। कहा गया था कि एक अगस्त, 2007 को बाढग़्रस्त क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने निकले तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने एनएच-28 पर मनियारी थाने के भुजंगी चौक के निकट बिना पूर्व अनुमति के हेलीकॉप्टर उतार दिया। इससे वहां अफरातफरी मच गई। घटना में सुधीर कुमार ओझा घायल हो गए।
परिवाद की सुनवाई करते हुए एसडीजेएम (पश्चिमी) के कोर्ट ने एसपी को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। 16 सितंबर, 2008 को एसपी ने आरोपों को खारिज करते हुए कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी। इस आलोक में एसडीजेएम (पश्चिमी) ने इस परिवाद को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ जिला जज के कोर्ट में अपील दायर की गई। जिला जज ने इसे स्वीकार करते हुए परिवाद की जांच करने का आदेश दिया।
इस आदेश के आलोक में एसडीजेएम (पश्चिमी) कोर्ट में परिवाद की जांच शुरू हुई। गवाही दर्ज कराई गई। इसके बाद एसडीजेएम (पश्चिमी) ने एक बार फिर इसे खारिज कर दिया। दोबारा इसके खिलाफ जिला जज के कोर्ट में अपील की गई। जिला जज ने इसकी सुनवाई के लिए एडीजे-7 अनामिका टी. के कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।
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