ये है भारत का वो अनूठा मंदिर जो भरा है काफी रहस्यों से

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नई दिल्ली: भारत देश में कई ऐसे रहस्य है जिसके बारे में अगर आप लोग पढ़ने बैठे तो दिन ही बीत जाए. भारत रहस्यों से भरा देश है. हम काफी बार ऐसी विचित्र कहानियों के बारे में सुनते है जिसका यकीन हम कुछ हद तक करते है कुछ हद तक नहीं.

बता दें कि भारत का इतिहास काफी लंबा रहा है. ऐसे ही कुछ इतिहास है जिसे हमारा देश अपने दामन में समेंटे हुआ है. तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे ही अदुभत और रोचक तथ्य से अवगत करते है.

Konark Amazing temple -

यह मंदिर अपनी पौराणिकता और आस्था के लिए दुनियाभर में जाना जाता है

भारत में काफी सारे मंदिर जिनकी अपनी ही मान्यताएं है. कुछ ऐसे अनूठे मंदिर भी जिसका अपना ही इतिहास है, इन्हीं मंदिर में से एक है कोणार्क का सूर्य मंदिर. यूं तो यह मंदिर अपनी पौराणिकता और आस्था के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. हालांकि कुछ ऐसी वजहें भी है जिस कारण इस मंदिर को देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोगों का जमावड़ा देखने को मिलता है.

बता दें कि कोर्णाक मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किए गए सूर्य भगवान के दर्शन का सौभाग्य कम ही लोगों को मिल पाता है. इस ऐतिहासिक मंदिर को युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर तक घोषित किया गया है. कहा जाता है कि इस मंदिर में 52 टन का विशालकाय चुंबक लगा हुआ है.

सूर्य मंदिर के शिखर पर 52 टन का चुंबकीय पत्थर लगा हुआ है

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, सूर्य मंदिर के शिखर पर 52 टन का चुंबकीय पत्थर लगा हुआ है. यही वजह है कि यह मंदिर लंबे दशक से समुद्र के किनारे में खड़ा हुआ है.  मंदिर में स्थापित इस चुंबकीय व्यवस्था की वजह से आधुनिक काल की शुरुआत में समस्या बनने लगी. चुंबकीय शक्ति इतनी तेज थी कि पानी के जहाज मंदिर की तरफ खींचे चले जाते है. जब इन चुंबकीय व्यवस्था की वजह से अंग्रेजों को परेशानी आने लगी तो उन्होंने मंदिर के अंदर इस चुंबक को निकाल दिया.

Suntemple -

लेकिन कौन जानता था कि इसे निकालने के बाद ऐसा हो जाएगा. जी हां, पूरे मंदिर को चुंबकीय व्यवस्था के अनुरूप ही बनाया गया था. विशालकाय चुंबक को निकालने की वजह से मंदिर का संतुलन बिगड़ गया. जिस कारण मंदिर की कई दीवारें और पत्थर ढहने लगे.

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ये चंद्रभागा नदी के किनारे बना हुआ है

आपको बता दें कि ये अदभुत मंदिर ओडीशा के पुरी जिले में स्थित है. ये चंद्रभागा नदी के किनारे बना हुआ है. इस मंदिर को सूर्य मंदिर भी कहा जाता है.  इस मंदिर की कल्पना सूर्य के रथ के रूप में की गई है. इस रथ में 12 जोड़े पहिये लगे हुए है. रथ के आगे सात शक्तिशाली घोड़े तेजी से खींचते नजर आते है. जो दिन के 24 घंटों को दर्शाते है.