भारत आएंगे जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला,क्यों खास है उनका ये दौरा

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जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आ रहे हैं और मंगलवार की रात को दिल्ली पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुरुवार को उनकी औपचारिक वार्ता होगी. दोनों देशों के बीच प्रतिरक्षा, आतंकवाद निरोध, सुरक्षा और निवेश जैसे कई महत्वपूर्ण मसलों पर बात होगी. किंग अब्दुल्ला इस्लामी विरासत और संयम पर एक विशेष राय देंगे.

बता दें कि किंग अब्दुल्लाह द्वितीय बिन अल हुसैन पैगंबर मुहम्मद के 41वीं पीढ़ी के वंशज हैं. उन्हें कट्टरवाद और आतंकवाद से लड़ने के लिए वैश्विक पहल करने के लिए जाना जाता है. भारत और जॉर्डन दोनों देश रक्षा सहयोग की रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे. जॉर्डन के राजा के साथ एक उच्च स्तरीय बिज़नेस प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है. किंग अब्दुल्ला प्रधानमंत्री मोदी के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे. राष्ट्रपति कोविंद उनके सम्मान में बृहस्पतिवार को एक भोज आयोजित कर रहे हैं. वह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात भी करेंगे. इराक, सऊदी अरब और चीन के बाद भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है.

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी जॉर्डन की राजधानी अम्मान होते हुए फिलीस्तीन की यात्रा पर गए थे.

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इस्लामी देशों से बढ़ा रहा है भारत रिश्ता

गौरतलब है कि भारत उन इस्लामी देशों से अपने रिश्ते बढ़ा रहा है जो कट्टरता और आतंकवाद के खिलाफ माने जाते हैं. जॉर्डन नरेश अब्दुल्ला आतंक विरोधी अभियानों में भारत के लिए काफी मददगार हो सकते हैं. कश्मीर मामले में भी जॉर्डन ने अब तक निष्पक्ष रवैया अपनाया है. रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिहाज़ से देखें तो भारत और जॉर्डन एक प्रतिरक्षा  समझौते पर बातचीत की प्रक्रिया में लगे हैं. किंग अब्दुल्ला की यात्रा से यह कवायद तेज हो सकती है.

बताया जा रहा है कि किंग अब्दुल्ला बुधवार को आईआईटी दिल्ली का भी दौरा करेंगे. इस दौरे में वो आईआईटी के साथ जॉर्डन के टेक्निकल इंस्टीट्यूटस के बीच गठजोड़ की संभावनाओं पर बात करेंगे. किंग अब्दुल्ला के साथ आया कारोबारी प्रतिनिधिमंडल फिक्की, सीआईआई और एसओएचएम द्वारा आयोजित भारत-जॉर्डन बिज़नेस फोरम तथा सीईओ राउंड टेबल में हिस्सा लेंगे.  भारत की 20 टेक्सटाइल कंपनियों ने भी जॉर्डन में करीब 30 करोड़ डॉलर का निवेश कर रखा है.

वहीं पिछले कुछ दिनों में वैश्विक स्तर से देखें तो भारत के लिए विदेशी दौरा बहुत ही अच्छा रहा. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो हाल ही में भारत आये थे. इस दौरे को भी भारत-कनाडा के बीच संबंधों को और मज़बूत करने की दिशा में उठाए गए कदम के रूप में देखा गया. साथ ही इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनाहू भी १४ जनवरी को भारत दौरे पर आये थे. इस दौरे में मुख्या तौर पर मिसाइल परीक्षण और संबंधों को लेकर बातचीत की गयी.