Jafrabad News : सट्टेबाजी… दुबई से चल रहा है बर्बादी का ‘खेल’, जानें कैसे चलता है सट्टे का काला बाजार
नई दिल्ली : जाफराबाद में शुक्रवार को इसरार ने पत्नी और दो बेटियों की हत्या करने के बाद खुद भी जान दे दी। पुलिस को फोन में विडियो मिला तो खुलासा हुआ कि वह आईपीएल के दौरान ऑनलाइन सट्टेबाजी में 8.5 करोड़ रुपये हार चुका था। इसलिए उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। सट्टे ने कई घरों को बर्बाद किया है, जो दुबई से ऑपरेट हो रहा है। पहले भी कई लोग इस वजह से जान दे चुके हैं। आखिर कैसे चलता है ये सट्टेबाजी का खेल :
सट्टे का काला बाजार
सट्टा कारोबारियों की पैठ इतनी गहरी है कि पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान मैचों की बॉल टु बॉल जानकारी सीधे दुबई देने के लिए दो बुकी एक्रीडिटेशन कार्ड बनवाकर अरुण जेटली स्टेडियम में घुस गए थे। ये 2 मई 2021 को पकड़ गए। स्पेशल सेल ने जांच की तो पता चला कि दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन (DDCA) के लोगों की मिलीभगत थी। मैदान और टीवी में चलने वाले गेम में एक बॉल का अंतर होता है। बुकी दांव में इसी का फायदा उठाते हैं। फोन और लैपटॉप को खंगाला, जो दुबई से चलने वाले ऑनलाइन बेटिंग ऐप आइस, डायमंड और स्काई से जुड़े मिले।
- डिब्बे वाला सट्टा : एक फोन, जिसे डिब्बा कहते हैं, पर क्रिकेट मैच का भाव चलता है। अगर पंटर डिब्बा नहीं खरीद सकता तो बुकी को कॉल कर भाव पूछता है। बॉल, ओवर, विकेट, रन, छक्का-चौका, हार-जीत, सेशन सभी पर पंटर पैसा लगाते हैं। दांव के लिए किसी की गारंटी दिलवानी पड़ती है। लेन-देन कैश में होता है।
- ऑनलाइन बेटिंग : क्रिकेट ही नहीं फुटबाल, टेनिस और रग्बी समेत सभी खेलों के लिए एंड्रॉयड और आईओएस बेस्ड ऐप के अलावा ऑनलाइन गेम वेब पोर्टल पर भी ये सट्टा चलता है। ये दुबई से ऑपरेट होता है। भारत में इनके एजेंट सटोरियों के लिए आईडी क्रिएट कर पासवर्ड देते हैं। एजेंट को दुबई से कमीशन मिलता है।
- पर्ची वाला सट्टा : ये गरीब सटोरियों का खेल है। पर्ची पर 1 से 99 तक नंबर लिखे होते हैं। एक रुपये लगाने पर अगर नंबर लग गया तो 9 रुपये फालतू मिलते हैं। इसका नंबर भी सेंट्रलाइज खुलता है, जिसके बाद नीचे बुक चलाने वालों को भेजा जाता है। पर्ची वाले सट्टे में दिन में चार बार नंबर निकलता है।
दिल्ली पुलिस ऐसे सभी अपराधों पर सक्रिय रूप से मुकदमा दर्ज कर रही है। इस तरह के क्राइम के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।
-डीसीपी सुमन नलवा, प्रवक्ता, दिल्ली पुलिस
एजेंट रखते हैं हिसाब-किताब
ईस्ट जिला पुलिस ने जून 2021 में आईपी एक्सटेंशन से एक मिकेनिकल इंजीनियर को दुबई के बुकियों के लिए भारत में एजेंट के तौर पर काम करते पकड़ा था। इससे 3 करोड़ 50 लाख रुपये जब्त हुए थे, जो सटोरियों से लेन-देन का हिसाब रखता था। ये दुनिया के किसी भी कोने में सट्टा खेलने के लिए गैंबलिंग विंडो मुहैया करा देता था। पंटर घर बैठे ऑनलाइन सट्टा खेल सकते थे और फोन कॉल की जरूरत नहीं होती है। ये भी स्काई, आइस गोल्ड और डायमंड जैसे ऑनलाइन बेटिंग ऐप से ऑपरेट कर रहा था। इन्हें गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। आईडी और पासवर्ड इससे लेना पड़ता था।
साल 2021 और 2022 के जून तक के आंकड़े
30 जून 2021 तक
30 जून 2022 तक
केस दर्ज
995
2182
गिरफ्तारी
2182
5211
रकम जब्त
4.08 करोड़
1.26 करोड़
ताबड़तोड़ चल रहा है एक्शन
साल 2021 में 2011 केस दर्ज हुए, जिनमें 5776 गिरफ्तारियां हुईं और 6.13 करोड़ रुपये बरामद किए गए। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम को लेकर सभी जिलों और यूनिट्स को सख्त निर्देश दे रखे हैं। नतीजतन इस साल 30 जून तक पिछले साल की तुलना में 1187 केस ज्यादा दर्ज हुए और 2354 आरोपी ज्यादा गिरफ्तार किए गए, लेकिन जिस तरह से ये ‘जानलेवा खेल’ अपने पैर पसार रहा है, उससे एक्शन में तेजी लाने और कानून में बदलाव करने की दरकार है।
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सट्टे का काला बाजार
सट्टा कारोबारियों की पैठ इतनी गहरी है कि पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान मैचों की बॉल टु बॉल जानकारी सीधे दुबई देने के लिए दो बुकी एक्रीडिटेशन कार्ड बनवाकर अरुण जेटली स्टेडियम में घुस गए थे। ये 2 मई 2021 को पकड़ गए। स्पेशल सेल ने जांच की तो पता चला कि दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन (DDCA) के लोगों की मिलीभगत थी। मैदान और टीवी में चलने वाले गेम में एक बॉल का अंतर होता है। बुकी दांव में इसी का फायदा उठाते हैं। फोन और लैपटॉप को खंगाला, जो दुबई से चलने वाले ऑनलाइन बेटिंग ऐप आइस, डायमंड और स्काई से जुड़े मिले।
- डिब्बे वाला सट्टा : एक फोन, जिसे डिब्बा कहते हैं, पर क्रिकेट मैच का भाव चलता है। अगर पंटर डिब्बा नहीं खरीद सकता तो बुकी को कॉल कर भाव पूछता है। बॉल, ओवर, विकेट, रन, छक्का-चौका, हार-जीत, सेशन सभी पर पंटर पैसा लगाते हैं। दांव के लिए किसी की गारंटी दिलवानी पड़ती है। लेन-देन कैश में होता है।
- ऑनलाइन बेटिंग : क्रिकेट ही नहीं फुटबाल, टेनिस और रग्बी समेत सभी खेलों के लिए एंड्रॉयड और आईओएस बेस्ड ऐप के अलावा ऑनलाइन गेम वेब पोर्टल पर भी ये सट्टा चलता है। ये दुबई से ऑपरेट होता है। भारत में इनके एजेंट सटोरियों के लिए आईडी क्रिएट कर पासवर्ड देते हैं। एजेंट को दुबई से कमीशन मिलता है।
- पर्ची वाला सट्टा : ये गरीब सटोरियों का खेल है। पर्ची पर 1 से 99 तक नंबर लिखे होते हैं। एक रुपये लगाने पर अगर नंबर लग गया तो 9 रुपये फालतू मिलते हैं। इसका नंबर भी सेंट्रलाइज खुलता है, जिसके बाद नीचे बुक चलाने वालों को भेजा जाता है। पर्ची वाले सट्टे में दिन में चार बार नंबर निकलता है।
दिल्ली पुलिस ऐसे सभी अपराधों पर सक्रिय रूप से मुकदमा दर्ज कर रही है। इस तरह के क्राइम के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।
-डीसीपी सुमन नलवा, प्रवक्ता, दिल्ली पुलिस
एजेंट रखते हैं हिसाब-किताब
ईस्ट जिला पुलिस ने जून 2021 में आईपी एक्सटेंशन से एक मिकेनिकल इंजीनियर को दुबई के बुकियों के लिए भारत में एजेंट के तौर पर काम करते पकड़ा था। इससे 3 करोड़ 50 लाख रुपये जब्त हुए थे, जो सटोरियों से लेन-देन का हिसाब रखता था। ये दुनिया के किसी भी कोने में सट्टा खेलने के लिए गैंबलिंग विंडो मुहैया करा देता था। पंटर घर बैठे ऑनलाइन सट्टा खेल सकते थे और फोन कॉल की जरूरत नहीं होती है। ये भी स्काई, आइस गोल्ड और डायमंड जैसे ऑनलाइन बेटिंग ऐप से ऑपरेट कर रहा था। इन्हें गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। आईडी और पासवर्ड इससे लेना पड़ता था।
साल 2021 और 2022 के जून तक के आंकड़े
30 जून 2021 तक | 30 जून 2022 तक | |
केस दर्ज | 995 | 2182 |
गिरफ्तारी | 2182 | 5211 |
रकम जब्त | 4.08 करोड़ | 1.26 करोड़ |
ताबड़तोड़ चल रहा है एक्शन
साल 2021 में 2011 केस दर्ज हुए, जिनमें 5776 गिरफ्तारियां हुईं और 6.13 करोड़ रुपये बरामद किए गए। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम को लेकर सभी जिलों और यूनिट्स को सख्त निर्देश दे रखे हैं। नतीजतन इस साल 30 जून तक पिछले साल की तुलना में 1187 केस ज्यादा दर्ज हुए और 2354 आरोपी ज्यादा गिरफ्तार किए गए, लेकिन जिस तरह से ये ‘जानलेवा खेल’ अपने पैर पसार रहा है, उससे एक्शन में तेजी लाने और कानून में बदलाव करने की दरकार है।