क्या आप भी जानते है कंडोम से जुड़ा ऐसा इतिहास, जिसका आज से नहीं कई दशक से किया जा रहा है इस्तेमाल

4114

नई दिल्ली: आज तक आप सभी ने कंडोम को लेकर एक विशेष विचारधारा रखी होगी. हम कंडोम का इस्तेमाल संबंध बनाने के दौरान करते है ताकी पुरुषों के स्पर्म को महिलाओं के शरीर में प्रवेश करने से रोका जा सकें. ताकी महिलाएं प्रेगनेंट होने से बच सकें. पर क्या आपके दिमाग में ऐसा ख्याल आया है कि कंडोम का भी कुछ इतिहास रहा होगा. अगर नहीं जानते हो तो कोई न आज हम आपको कंडोम से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आप भी हैरान रहें जाएंगे कि कंडोम का इस्तेमाल आज से नहीं बल्कि कई दशकों से किया जा रहा है.

interesting facts and history 1 news4social -

एक अध्ययन के अनुसार, कंडोम का इस्तेमाल पुराने समय में भी किया जाता था, पुराने जामाने की गुफाओं में बनी पेंटिंग्स में सेक्स के दौरान लिंग को कवर करने के सबूत मिला है. हालांकि तब कंडोम आज की तरह डिजाइन नहीं किया जाता था क्योंकि तब के लोगों के पास आज के अनुसार तकनीकी चीजें और साधन नही हुआ करते थे. उस समय लोगों मछली का (bladder), लिनन शीथ (linen sheaths) और जानवरों की आँतों का उपयोग किया करते थे.

1400 ईस्वी से पहले तक लोग ग्लैंस कंडोम का प्रयोग करते थे

बताया जाता है कि 1400 ईस्वी से पहले तक लोग ग्लैंस कंडोम का प्रयोग करते थे. जिससे सिर्फ पुरुषों का ऊपरी भाग ही कवर हो पाता था. 1400 ईस्वी के बाद पुराने समय की तरह दोबारा लिनिन कंडोम का इस्तेमाल किया जाने लगा था और 1700 ईस्वी तक लोगो वैसे ही इसका इस्तेमाल करते रहें थे. दरअसल, शुरुआत में कंडोम का नाम कॉन्डन (condon) रखा गया था, लेकिन सही नाम की जानकारी न होने के कारण लोग कॉन्डन को कंडोम कहने लगे तब से आज तक अब लोगों इसे कंडोम के नाम से जानते है. इसी वजह से उसकी क्वॉलिटी को चेक करने का काम कैसनोवा को दिया गया था.

interesting facts and history 2 news4social -

साल 1885 में अमेरिका में रहने वाले चार्ल्स गुडियर ने रबर कंडोम का इजात किया

कैसनोवा कॉन्डम की क्वॉलिटी चेक करने के लिए उसमें हवा भरते थे और फिर देखते थे कि कहीं उसमें कोई सुराख तो नहीं रह गया है. करीब 250 साल तक लिनिन कंडोम का इस्तेमाल करने के बाद, साल 1885 में अमेरिका में रहने वाले चार्ल्स गुडियर ने रबर कंडोम का इजात किया था, जिसकी मोटाई साइकिल के अंदर वाली ट्यूब के जितनी थी. उस समय लोग इस कंडोम का काफी इस्तेमाल करते थे क्योंकि इसका इस्तेमाल एक बार से ज्यादा किया जाता था.

interesting facts and history 3 news4social -

1897 में कॉन्डोम का विज्ञापन करने के लिए उसके लेबल में रानी विक्टोरिया का चेहरा लगाया गया

ये ही नहीं साल 1897 में कॉन्डोम का विज्ञापन करने के लिए उसके लेबल में रानी विक्टोरिया का चेहरा लगाया गया था, ताकि लोग कंडोम को ज्यादा से ज्यादा खरीदें. भारत में साल 1952 में पहला नेशनल फैमली प्लानिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई जिससे की भारत में भी कंडोम का इस्तेमाल हो सकें. लेकिन उस दौरान भारत में कंडोम के दाम काफी ज्यादा थे इसलिए काफी लोग इसे खरीद नहीं पाते थे. इसके बाद आईआईएम इंस्टिटयूट ने भारतीय सरकार के समकक्ष एक प्रस्ताव रखा कि वे कंडोम के दाम को कम करके 5 पैसे कर दें ताकी इसे देश के सभी लोग खरीद सकें. इसी वजह से भारतीय सरकार को साल 1968 में 400 मिलयन कॉन्डोम देश में इंपोर्ट कराने पड़े थे.