युवाओं को भ्रमित करने वाली 827 पोर्न वेबसाइटों पर केंद्र ने कसा शिकंजा

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नई दिल्ली: सोशल मीडिया और इंटरनेट में बढ़ रहीं अश्लीलता और सोशल मीडिया पर युवाओं को भ्रमित करने वाली 827 पोर्न वेबसाइटों पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसा है.

बता दें कि इंटरनेट में मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसी जा रहीं है. ये युवाओं को भटकाने का मार्ग साबित हो रहा है. अब इन 827 पोर्न वेबसाइट अब पूरी तरह से ब्लॉक की जा चुकी है. दूरसंचार विभाग ने देश में इंटरनेट प्रदाता कंपनियों के उन सभी प्रोवाइडर्स को आदेश जारी किया था जिसमें इन 827 अश्लील वेबसाइट को ब्लॉक किया गया है. इसके बाद कंपनियों ने यह कदम उठाया है.

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किसी भी तरह की अश्लील सामग्री को प्रकाशित करना गैरकानूनी है- सूचना प्रोद्योगिकी कानून

बता दें कि देश में पोर्न को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने फ़िलहाल किसी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया है. लेकिन सूचना प्रोद्योगिकी कानून के अनुसार, किसी भी तरह की अश्लील सामग्री को प्रकाशित करना गैरकानूनी है. इसे प्रकाशित करने वाले को पांच साल की सजा और तीन लाख रूपये के जुर्माना भी हो सकता है.

पोर्न वेबसाइटों को रोकने के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले के बाद दूरसंचार विभाग ने यह कदम उठाया है. दुष्कर्म के एक मसले में जब जिरह के दौरान अभियुक्त की बात सुन जज तब हैरान रहा गया जब सुनवाई के दौरान आरोपी ने कहा कि उसने पोर्न साइट्स देखकर इस वारदात को अंजाम दिया था. इसी के बाद दूरसंचार विभाग ने निर्देश जारी कर पोर्न वेबसाइटों को ब्लॉक करने को कहा था.

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साल 2015 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगभग 850 पॉर्न वेबसाइटों को ब्लॉक किया

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पोर्न वेबसाइट को बंद करने का निर्देश निकला हो. इससे पहले साल 2015 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगभग 850 पॉर्न वेबसाइटों को ब्लॉक किया था. लेकिन पांच अगस्त को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के आदेश पर पॉर्न पर लगे इस प्रतिबंध को हटा दिया गया था. बात अगर पॉर्न वेबसाइट सर्च करने की करें तो इसमें भारत विश्व में तीसरे नंबर पर आता है.