HSSC से भर्ती 500 क्लर्कों की नौकरी पर खतरा, डॉक्यूमेट वैरीफिकेशन में सही नहीं मिले कागजात तो बाहर होंगे

3
HSSC से भर्ती 500 क्लर्कों की नौकरी पर खतरा, डॉक्यूमेट वैरीफिकेशन में सही नहीं मिले कागजात तो बाहर होंगे

HSSC से भर्ती 500 क्लर्कों की नौकरी पर खतरा, डॉक्यूमेट वैरीफिकेशन में सही नहीं मिले कागजात तो बाहर होंगे

चंडीगढ़: फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने की आशंका के चलते हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार को वर्ष 2020 में भर्ती हुए करीब पांच सौ क्लर्कों की भर्ती की जांच के आदेश जारी किए हैं। आयोग ने इस भर्ती के संबंध में सभी संबंधित विभागों से दस्तावेज तलब कर लिए हैं। अगर कागजात सही नहीं मिले तो सात दिन में क्लर्कों को नौकरी से हटा दिया जाएगा। हरियाणा में 4798 क्लर्क अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 500 क्लर्कों की नौकरी पर अब संकट खड़ा हो गया है। एचएसएससी ने सितंबर 2020 से नौकरी पर लगे सभी क्लर्कों की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा था। यह भी कहा गया था कि नए सिरे से नियुक्तियां होंगी और नौकरी गंवाने वाले क्लर्कों की जगह नए अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।

कुछ अभ्यर्थी भर्ती में पूछे गए सवालों के गलत उत्तर को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इन उम्मीदवारों ने संशोधित परिणाम जारी कराने की अपील की थी। हाईकोर्ट ने तीन सवालों को ठीक मानते हुए अप्रैल 2022 में संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे।

58 उम्मीदवारों के परिणाम रोके थे

इन सवालों के ठीक होने के चलते करीब एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ गए, जबकि 48 हजार उम्मीदवारों के कम हो गए। इसी आधार पर आयोग ने संशोधित परिणाम जारी किया था। बायोमीट्रिक निशान और चेहरे के निशान नहीं मिलने के कारण 58 उम्मीदवारों के परिणाम को रोक लिया गया था।

हरियाणा में खिलाड़ियों को एक साल में होने वाली भर्ती में मिलेगा 3% आरक्षण, HSSC के नियमों में बदलाव

भर्ती में फर्जीवाड़े के आसार

आयोग ने 21 मई से 6 जून तक कुल 24097 अभ्यर्थियों को दस्तावेज की जांच के लिए बुलाया गया था। 13 हजार 168 अभ्यर्थी ही दस्तावेजों की जांच कराने पहुंचे और दस हजार 929 अभ्यर्थी नहीं आए। इनमें से 500 के करीब ऐसे अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे, जो पहले से ही चयनित थे। आशंका जताई है कि इस भर्ती में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ था। काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर आर्थिक सामाजिक आधार के अंक हासिल किए थे।

फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के डर से अधिकतर अभ्यर्थियों ने जांच से दूरी बनाई। अब आयोग ने जांच में गड़बड़ी मिलने पर सात दिन के अंदर हटाने के आदेश भी सरकार की ओर से दिए गए हैं।

navbharat times -7 सितंबर की रात 12 बजे से भारी वाहनों के दिल्ली जाने पर रोक, वर्क फ्रॉम होम पढ़ें पुलिस और ट्रैफिक अडवाइजरी

क्या है पूरा विवाद

पेपर के दो सेट थे। सेट सी में प्रश्न नंबर 3, 47 व 66 वही थे जो सेट ए में 24, 62 व 9 थे। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार विकल्प ए, बी, सी, डी दिए गए थे। सेट सी में यदि प्रश्न का उत्तर सी था तो सेट ए में डी था। आयोग ने परिणाम जारी किया तो दोनों के विकल्प सी को सही बताते हुए अंक दिए। इन अंकों के चलते कई आवेदक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। हाईकोर्ट ने उन तीन सवालों को ठीक मानकर संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News