GDP growth rate: दुनिया में सबसे तेजी से दौड़ रही इंडियन इकॉनमी, जानिए कौन सेक्टर बन रहे ग्रोथ के इंजन

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GDP growth rate: दुनिया में सबसे तेजी से दौड़ रही इंडियन इकॉनमी, जानिए कौन सेक्टर बन रहे ग्रोथ के इंजन

नई दिल्ली: पिछले वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी (India GDP Growth Rate) के आंकड़े आ गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.1 फीसदी रही जो चार तिमाहियों में सबसे कम है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर, सप्लाई की चुनौतियों और रूस-यूक्रेन जंग के कारण कमोडिटी और क्रूड की कीमत में तेजी से जीडीपी ग्रोथ प्रभावित हुई। इसके बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी 8.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। यह 22 साल में सबसे अधिक है। इसके साथ ही भारत फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली इकॉनमी बन गई।

वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तीन तिमाहियों में देश की इकॉनमी क्रमशः 20.1 फीसदी, 8.4 फीसदी और 5.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। हालांकि सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। वित्त वर्ष 2020-21 में विकास दर में 6.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। बैक सीरीज के हिसाब से वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी ग्रोथ रेट साल 2000 के बाद सबसे ज्यादा है। तब इसमें 8.8 फीसदी तेजी आई थी। करेंट सीरीज में भी यह 17 साल में सबसे अधिक है।

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एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट घटा
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने मंगलवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए। एनएसओ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले यह 135.58 लाख करोड़ रुपये रही थी। भारत की तुलना में चीन की इकॉनमी जनवरी-मार्च 2022 की तिमाही में 4.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। वित्त वर्ष 2021-22 में सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) 8.1 प्रतिशत का दर से बढ़ा। इसके पहले वर्ष 2020-21 में जीवीए 4.8 प्रतिशत घट गया था।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि 9.9 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसमें 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं खनन एवं निर्माण दोनों ही क्षेत्रों में जीवीए 11.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा। इन दोनों ही क्षेत्रों में एक साल पहले गिरावट आई थी। हालांकि देश की बड़ी आबादी से जुड़े एग्रीकल्चर सेक्टर का ग्रोथ रेट वर्ष 2021-22 में घटकर तीन प्रतिशत रह गया जो एक साल पहले 3.3 प्रतिशत पर थी।

फाइनेंशियल ईयर 2022 के टॉप परफॉर्मर

सेक्टर ग्रोथ (% में)
मैन्युफैक्चरिंग 9.9
माइनिंग एक्टिविटीज 11.5
कंस्ट्रक्शन 11.5
ट्रेड, होटल एंड ट्रांसपोर्ट 11.1
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड डिफेंस 12.6


किन सेक्टर्स में आया उछाल

बिजली, गैस, जल आपूर्ति एवं अन्य सेवा क्षेत्रों की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 3.6 प्रतिशत की दर से घट गई थी। आंकड़ों के अनुसार व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 में 11.1 प्रतिशत रही। एक साल पहले इन क्षेत्रों में 20.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं वित्तीय, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विस सेक्टर की वृद्धि दर एक साल पहले के 2.2 प्रतिशत की तुलना में 4.2 प्रतिशत पर रही। लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाओं ने 12.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की जो एक साल पहले 2020-21 में 5.5 प्रतिशत गिर गई थी।

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प्रति व्यक्ति आय बढ़ी
एनएसओ ने कहा, ‘वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य पर वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2020-21 के लिए पहला संशोधित अनुमान 135.58 लाख करोड़ रुपये का है।’ इसके साथ ही वर्ष 2021-22 में वर्तमान मूल्य पर जीडीपी का आकार 236.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले 198.01 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह मौजूदा मूल्य पर जीडीपी में 18.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय मौजूदा मूल्य पर 18.3 प्रतिशत बढ़कर 1.5 लाख रुपये सालाना रही। एक साल पहले यह 1,26,855 रुपये थी। हालांकि स्थिर मूल्य पर प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 7.5 प्रतिशत बढ़कर 91,481 रुपये हो गई। एक साल पहले प्रति व्यक्ति आय 85,110 रुपये आंकी गई थी। वर्ष 2021-22 में सकल स्थिर पूंजी निर्माण के 47.84 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि एक साल पहले यह 41.31 लाख करोड़ रुपये रहा था।

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