Ganesh Acharya: कभी झोपड़पट्टी में रहते थे, दो वक्‍त की रोटी नहीं जोड़ पाते थे गणेश आचार्य, ऐसे पलटी किस्‍मत

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Ganesh Acharya: कभी झोपड़पट्टी में रहते थे, दो वक्‍त की रोटी नहीं जोड़ पाते थे गणेश आचार्य, ऐसे पलटी किस्‍मत

Ganesh Acharya: कभी झोपड़पट्टी में रहते थे, दो वक्‍त की रोटी नहीं जोड़ पाते थे गणेश आचार्य, ऐसे पलटी किस्‍मत

कोरियॉग्राफर गणेश आचार्य बॉलीवुड में सबसे अधिक पॉप्युलैरिटी पाने वाले डांस टीचर में से एक हैं। हाल ही में फिल्म ‘भेड़िया’ में ‘ठुमकेश्वरी’ और फिल्म ‘गोविन्दा नाम मेरा’ के ‘बिजली बिजली’ गाने और ‘कुड़ी मेरी’ को लेकर चर्चा में रहे हैं। गणेश आचार्य ने रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सर्कस’ में भी शानदार कोरियॉग्राफी की है। आज बॉलीवुड के गिने-चुने टॉप कोरियॉग्राफर्स की लिस्ट में शामिल गणेश आचार्या का बीता कल इतना आसान नहीं था और उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

गणेश आचार्य तब 10 साल के थे जब पिता की हो गई थी मौत

गणेश आचार्य ने बॉलीवुड के कई स्टार्स को डांस सिखाया है और उन्हें अब किसी परिचय की जरूरत भी नहीं। गणेश के स्ट्रगल की शुरुआत बचपन से ही शुरू हो गई थी। जब गणेश केवल 10 साल के थे तभी उनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए छिन गया। गणेश के पिता का नाम कृष्णागोपी आचार्य था जो कि ग्रुप डांसर हुआ करते थे। गणेश में डांस का कीड़ा भी उन्हें अपने पिता से ही मिला। गणेश जब छोटे थे तभी से वह अपने पिता को डांस करते देखते और इसी तरह से उन्हें डांस से ऐसा प्यार हो गया कि आज तक है।

गरीबी के कारण खाने तक की आफत हो गई थी

पिता की मौत के बाद सांताक्रूज एरिया में मौजूद झोपड़पट्टी में रहना उनके लिए मुश्किल हो गया। गरीबी के कारण खाने तक की आफत हो गई थी। तब जाकर गणेश आचार्य को समझ में आ गया था कि जिंदा रहने के लिए पैसे कमाने होंगे। इसके बाद वह भी ग्रुप डांसर के तौर पर काम करने लगे।

धीरे-धीरे गणेश आचार्य असिस्टेंट डांसर बन गए

धीरे-धीरे गणेश आचार्य असिस्टेंट डांसर बन गए और फिर उन्हें कोरियॉग्राफी से ऑफर मिलने लगे। वह सबसे कम उम्र के कोरियॉग्राफर के तौर पर जाने जाने लगे। अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए गणेश आचार्य ने कहा कि वह बाइक से काम की तलाश में भटकते रहते थे और फिर अचानक उन्हें बॉलीवुड से फिल्में मिलने लगीं और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

झोपड़पट्टी से बाहर निकालने में गोविन्दा ने की थी उनकी मदद
गणेश आचार्या बदलते ट्रेंड के साथ खुद को अपडेट कैसे रखते हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, ‘मैं प्रैक्टिस करता रहता हूं और आज के जेनरेशन का डांस देखा करता हूं और खुद को अपग्रेड रखने की कोशिश करता हूं।’ उन्होंने बताया कि झोपड़पट्टी से उन्हें बाहर निकालने में गोविन्दा ने उनकी मदद की थी और उन्होंने ही उन्हें गणेश आचार्य बनाया। गणेश ने कहा- मैं अपना बेस्ट देने की हमेशा कोशिश करता हूं और चाहता हूं कि जब भी मैं ये इंडस्ट्री छोड़ूं डांस का सचिन तेंडुलकर बनकर छोड़ूं।