Gandhinagar Railway Station पर यात्रियों को मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं | airport like facilities at Gandhinagar railway station | Patrika News
उत्तर पश्चिम रेलवे ने गांधीनगर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी। इसको लेकर रेलवे ने खाका तैयार कर लिया है।
जयपुर
Published: December 19, 2021 11:19:13 am
– देवेंद्र सिंह राठौड़
उत्तर पश्चिम रेलवे ने गांधीनगर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी। इसको लेकर रेलवे ने खाका तैयार कर लिया है। खास बात यह है कि यहां भी प्रवेश और निकास द्वार दोनों अलग-अलग होंगे। साथ ही पूरी तरह से सौर उर्जा से संचालित होगा। इस स्टेशन के री डवलपमेंट पर करीब 170 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) मोड पर देने की स्वीकृति जारी की। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने देशभर से करीबन 150 स्टेशनों को री डवलपमेंट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर गत माह रेलवे बोर्ड ने पहली सूची जारी की, जिसमें उत्तर पश्चिम रेलवे के उदयपुर, गांधीनगर को सबसे पहले मंजूरी दी गई। हालांकि दूसरी सूची में जयपुर जंक्शन को भी शामिल किया है।
170 करोड़ रुपए खर्च होंगे
उत्तर पश्चिम रेलने ने उदयपुर के बाद अब गांधीनगर रेलवे स्टेशनों के री-डवलपमेंट की तैयारी शुरू कर ली है। इसको लेकर खाका भी तैयार किया गया है। इसका काम जल्द शुरू होगा और वर्ष 2023 के अंत तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसमें करीबन 170 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साफ इसे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तरह विश्व स्तरीय बनाया जाएगा। इसी तरह जयपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर स्टेशन भी री डवलपमेंट किए जाएंगे।
अलग-अलग होगी आजावाही
रेलवे अधिकारियों के अनुसार इसको लेकर खाका तैयार किया गया है। स्टेशन की भव्य इमारत बनेगी। र्पािकंग, कैफेटेरिया,लिफ्ट, एस्केलेटर समेत सभी सुविधाएं मिलेगी। साथ ही वीआइपी लाउन्ज भी बनेंगे। जिसमें यात्रियों को होटल के माफिक सुविधाएं मिलेगी। साथ ही यहां भव्य शेड भी बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट की तरह यात्रियों के प्रवेश और निकास के अलग अलग गेट होंगे। एक और एंट्री गेट बनेगा। एक्सेस कंट्रोल, बैगेज स्कैनर आदि भी होंगे।
सूरज की रोशनी से रोशन
खास बात है कि इस स्टेशन के भवन को शून्य ऊर्जा आवश्यकता संकल्पना के तौर पर तैयार किया जाएगा। यह सौर ऊर्जा से जगमग होगा। बाहर से बिजली लेने की जरूरत नहीं होगी। सोलर प्लांट लगाया जाएगा।
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उत्तर पश्चिम रेलवे ने गांधीनगर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी। इसको लेकर रेलवे ने खाका तैयार कर लिया है।
जयपुर
Published: December 19, 2021 11:19:13 am
– देवेंद्र सिंह राठौड़
उत्तर पश्चिम रेलवे ने गांधीनगर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी। इसको लेकर रेलवे ने खाका तैयार कर लिया है। खास बात यह है कि यहां भी प्रवेश और निकास द्वार दोनों अलग-अलग होंगे। साथ ही पूरी तरह से सौर उर्जा से संचालित होगा। इस स्टेशन के री डवलपमेंट पर करीब 170 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट की तरह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (पीपीपी) मोड पर देने की स्वीकृति जारी की। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने देशभर से करीबन 150 स्टेशनों को री डवलपमेंट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर गत माह रेलवे बोर्ड ने पहली सूची जारी की, जिसमें उत्तर पश्चिम रेलवे के उदयपुर, गांधीनगर को सबसे पहले मंजूरी दी गई। हालांकि दूसरी सूची में जयपुर जंक्शन को भी शामिल किया है।
170 करोड़ रुपए खर्च होंगे
उत्तर पश्चिम रेलने ने उदयपुर के बाद अब गांधीनगर रेलवे स्टेशनों के री-डवलपमेंट की तैयारी शुरू कर ली है। इसको लेकर खाका भी तैयार किया गया है। इसका काम जल्द शुरू होगा और वर्ष 2023 के अंत तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसमें करीबन 170 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साफ इसे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तरह विश्व स्तरीय बनाया जाएगा। इसी तरह जयपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर स्टेशन भी री डवलपमेंट किए जाएंगे।
अलग-अलग होगी आजावाही
रेलवे अधिकारियों के अनुसार इसको लेकर खाका तैयार किया गया है। स्टेशन की भव्य इमारत बनेगी। र्पािकंग, कैफेटेरिया,लिफ्ट, एस्केलेटर समेत सभी सुविधाएं मिलेगी। साथ ही वीआइपी लाउन्ज भी बनेंगे। जिसमें यात्रियों को होटल के माफिक सुविधाएं मिलेगी। साथ ही यहां भव्य शेड भी बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट की तरह यात्रियों के प्रवेश और निकास के अलग अलग गेट होंगे। एक और एंट्री गेट बनेगा। एक्सेस कंट्रोल, बैगेज स्कैनर आदि भी होंगे।
सूरज की रोशनी से रोशन
खास बात है कि इस स्टेशन के भवन को शून्य ऊर्जा आवश्यकता संकल्पना के तौर पर तैयार किया जाएगा। यह सौर ऊर्जा से जगमग होगा। बाहर से बिजली लेने की जरूरत नहीं होगी। सोलर प्लांट लगाया जाएगा।
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