घटेंगे फ्लैट के दाम।

676
घटेंगे फ्लैट के दाम।
घटेंगे फ्लैट के दाम।

1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद मकान या फ्लैट सस्ते हो जायेंगे। साथ ही ऐसे बिल्डरों को भी नहीं बख्शा जायेगा, जो उपभोक्ता को फ्लैट महंगा होने का डर दिखा कर जीएसटी लागू होने से पहले पूरा पैसा मांग रहे है। यह आश्वासन सरकार ने इस तरह की शिकायत मिलने के बाद दिया है। साथ ही बिल्डरों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे बिल्डरों पर सरकार की पैनी नजर है।
वित्त मंत्रालय ने ब्यान में कहा है कि जीएसटी लागू होने पर निर्माणधीन फ्लैट बनाने का खर्च कम होगा। बिल्डर इसका फायदा खरीदारों को दे सकेंगे। अगर कोई बिल्डर ऐसा नहीं करता तो इसे मुनाफाखोरी माना जायेगा और उस पर कड़ी कार्यवाई होगी। मंत्रालय का कहना है कि अभी निर्माण सामग्री पर उत्पाद शुल्क है। लेकिन वर्तमान समय में इनका कोई इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता है।

25 जून को आएगा प्रारूप
जीएसटी नेटवर्क 25 जून को ऑफलाइन एक्सेल शीट प्रारूप पेश करेगा। इसका उपयोग व्यापारी और कंपनियां जीएसटी पोर्टल पर बिक्री आंकड़ा अपलोड करने में कर सकेंगे। इससे करदाताओं को उस प्रारूप के बारे में पता चलेगा जिसमे सूचना देनी है।

सस्ते फ्लैट का गणित
यदि ठेकेदार दो हजार रूपये प्रति वर्गफुट से बिल्डर से 18 फीसदी सेवा कर 360 रूपये प्रति वर्गफुट लेता है। इसके बाद बिल्डर फ्लैट का दाम तीन हजार रूपये प्रति वर्गफुट रखता है तो 12 फीसदी जीएसटी दर से 360 रूपये प्रति वर्गफुट कर बनेगा। 360 रूपये ठेकेदार पहले ही दे चुका है तो बिल्डर को कोई कर नहीं देना होगा। ऐसे में वह खरीदार से सेवा कर ले सकेगा।

रिफंड से राह आसान

जीएसटी में रिफंड का नियम है। जीएसटी में सीमेंट पर 28% टैक्स है। सीमेंट निर्माता 100 रूपये में इसे थोक विक्रेता को बेचता है, जिसमे 28 रूपये जीएसटी चुकाया है। थोक विक्रेता इससे 200 रूपये बेचता है तो 28% जीएसटी दर से 56 रूपये टैक्स बना। लेकिन 28 रूपये निर्माता ने चुका दिया है तो उसे केवल 28 रूपये चुकाने होंगे। यही क्रम अंतिम विक्रेता तक चलता रहेगा।