नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेता पिछले कुछ वक्त से उप राज्यपाल के निवास में अनशन पर बैठे है. उप राज्यपाल अनिल बैजल के आवास में करीब सात दिन से अनशन में बैठने की वजह से स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की रविवार रात को अचानक से तबीयत खराब होगी. जिस दौरान उन्हें फौरन ही एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. डॉक्टरों की टीम ने बताया कि उन्हें कुछ दिनों तक अस्पताल में ही रखना पड़ेगा.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का ट्वीट
इस बात पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने खबर की पुष्टि करते हुए अपने ट्विटर के अकाउंट में ट्वीट कर बताया कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को खराब स्वास्थ्य की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमने एक टेस्ट कराया जिसमें पता चला कि सत्येंद्र जैन का किटोन (ketone) लेवल बढ़ गया, जिसके कारण उन्हें साँस लेने और पेशाब करने में दिक्कत आ रहीं थी. बहरहाल उनकी हालत ठीक है.
संजय सिंह का ट्वीट
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता ने एलजी और पीएम मोदी पर निशाना साधने की कोई कसर नहीं छोड़ी. संजय सिंह ने भी ट्वीट किया, सतेन्द्र जैन की स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन केंद्र की सत्ता में बैठे मोदी जी और उपराज्यपाल को कोई संवेदना नहीं है.
केन्द्र मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का ट्वीट
आम आदमी पार्टी के धरन प्रदर्शन में बैठने पर केन्द्र मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि करने में जीरो और धरने में हीरो, करना कुछ नहीं धरना सब कुछ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने उन पर जो विश्वास जताया था उसका बर्बाद करने में लगे हैं.
वहीं रविवार शाम को आम आदमी पार्टी के नेता और हजारों कार्यकार्त दिल्ली के सड़कों पर उतरें थे. पीएम आवास का घेराव करने के लिए आप के नेता कल मंडी हाउस पर जुटे और प्रधानमंत्री के आवास की ओर बढ़ने लगे. पर पुलिस कर्मी ने इन्हें संसद मार्ग से आगे बढ़ने नहीं दिया और यहीं पर मार्च खत्म हो गया. इस दौरान उन्हें सीपीएम का साथ भी मिला था. इस मार्च के कारण दिल्ली के चार मेट्रो स्टेशन को बंद किया गया.
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बता दें कि केजरीवाल के अनशन में सात दिन बैठने और सतेन्द्र जैन की स्वास्थ्य खराब को देखते हुए एक जनहित याचिक पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई करेगा. जनहित याचिक पर कहा गया है कि मुख्यमंत्री और अन्य नेता हड़ताल नहीं कर सकते क्योंकि वो संवैधानिक पदों पर होते हैं. इस कारण हड़ताल को असंवैधानिक और ग़ैरक़ानूनी क़रार किया गया है. वहीं हाईकोर्ट में एक ओर याचिक दयार की गई है जिसमें यह मांग है कि दिल्ली सरकार के आईएएस अफ़सरों की हड़ताल ख़त्म करने का आदेश दे.