Cryptocurrencies ban: बैन लगा तो आपकी क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा? यहां जानिए सबकुछ

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Cryptocurrencies ban: बैन लगा तो आपकी क्रिप्टोकरेंसी का क्या होगा? यहां जानिए सबकुछ

हाइलाइट्स

  • सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर संसद के शीत सत्र में बिल पेश करने वाली है
  • भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है
  • देश में करीब डेढ़ करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी होने का अनुमान है
  • बैन लगने से लोग इंटरनैशनल एक्सचेंज पर क्रिप्टो में ट्रेड नहीं कर सकेंगे

नई दिल्ली
सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर संसद के शीत सत्र में बिल पेश करने वाली है। द क्रिप्टोकरेंसी एंड द रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल 2021 का एजेंडा लोकसभा की वेबसाइट पर मंगलवार देर शाम जारी किया गया था। उसमें कहा गया कि भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि बैन लगने पर जहां भारत में क्रिप्टो की खरीद-फरोख्त बंद हो जाएगी, वहीं इसे फॉरेन एसेट के रूप में रखने का मामला भी प्रभावित होगा।

एजेंडे में कहा गया कि यह बिल आरबीआई की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करंसी की रूपरेखा बनाने में मदद करेगा। प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की बात भी इसमें की गई। इस बारे में ज़ेब पे के पूर्व सीईओ अजीत खुराना ने कहा, ‘सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की जो शब्दावली इस्तेमाल की गई है, उसका मतलब यह है कि बिटकॉइन सहित वे सभी क्रिप्टो इसके दायरे में आएंगी, जिन्हें किसी सरकार ने जारी नहीं किया है। बैन लगने पर भारत में इनकी खरीद-फरोख्त नहीं हो सकेगी।’

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कितने लोगों के पास है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी होने का अनुमान है। इसकी वैल्यू अरबों डॉलर में बताई जाती है। बैन लगने पर इस होल्डिंग का क्या होगा? इस सवाल पर खुराना ने कहा, ‘इससे पहले 2019 में प्रस्तावित बिल में कहा गया था कि लोगों के पास पहले से जो क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनके बारे में सरकार बताएगी कि उन्हें कहां भेजना है और कैसे डिस्पोज करना है। यह बात बिल के अंदर नहीं थी, लेकिन कहा गया था कि इसकी जानकारी दी जाएगी।’

प्रतिबंध लगने पर भारत के लोग इंटरनैशनल एक्सचेंज पर भी क्रिप्टो में ट्रेड नहीं कर सकेंगे। खुराना के मुताबिक, ‘यह बात विधेयक के 2019 के मसौदे में साफ की गई थी। इसे फॉरेन असेट के रूप में भी अपने पास नहीं रखा जा सकेगा।’ बिल के अजेंडा में प्रतिबंध के साथ कुछ छूट देने की बात भी की गई है। खुराना के मुताबिक, इससे लग रहा है कि अगर कोई कंपनी क्रिप्टो टेक्नोलॉजी से जुड़ा सॉफ्टवेयर डेवेलप कर रही है तो उसे नहीं रोका जाएगा।

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निवेशकों में हड़कंप
क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक के बारे में मंगलवार देर शाम जानकारी आने के साथ इसमें पैसा लगाने वालों में अफरातफरी मच गई और कइयों ने बिकवाली शुरू कर दी। इससे बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टो के भाव नीचे आ गए। भारत में कई क्रिप्टो एक्सचेंजों का कामकाज भी कुछ देर तक प्रभावित रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को तस्वीर साफ होने का इंतजार करना चाहिए।

खुराना ने कहा, ‘बजट सेशन वाले बिल के एजेंडा में भी ठीक यही बात थी, जो इस बार कही गई है। इस बीच, लेकिन सरकारी स्तर पर काफी चर्चा हुई है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने इस पर चर्चा की है। तो एजेंडा भले ही एक जैसा हो, यह मान लेना ठीक नहीं होगा कि विधेयक की बातें भी एकसमान होंगी।’

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