उत्तर प्रदेश: एनकाउंटर का ऐसा खौफ पुलिस के सामने गिड़गिड़ाकर बोले गिरफ्तार कर लो

394

उत्तर प्रदेश में जबसे योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है, तबसे अपराधियों की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. योगी के सत्ता में आने के बाद से ही एनकाउंटर और गिरफ्तारियों ने रफ़्तार पकड़ ली है. अब अपराधी पुलिस से खौफ भी खाते हैं और पुलिस से बचना भी चाहते हैं.

‘अब कोई अपराध नही करूंगा’  

अपराध का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के शामली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. सोमवार को शामली में बदमाशों में पुलिस एनकाउंटर का ख़ौफ दिखा. झिंझाना थाने में हत्या का एक आरोपी पुलिस के पास पहुंचा और अपनी ही गिरफ्तारी के लिए गिड़गिड़ाने लगा. आरोपी ने कहा कि मुझे गिरफ्तार कर लो. एसपी साहब मुझे गोली मार देंगे. एनकाउंटर के डर से मैं हत्या के बाद फरार हो गया था. मुझे जेल में बंद कर दो, आगे से मैं कोई क्राइम नहीं करूंगा.

बता दें कि हाल में उत्तर प्रदेश पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के कासना थाना क्षेत्र एक मुठभेड़ के दौरान 25 हज़ार के एक इनामी बदमाश को मार गिराया, जबकि एक बदमाश फ़रार हो गया. ओमीक्रोन गोल चक्कर के पास पुलिस ने बाइक पर सवार बदमाशों को जब रोकने की कोशिश की, तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश की मौत हो गई.

डंडा बोल रहा है

दरअसल, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनते ही प्रदेश से अपराध खत्म करने के लिए सभी जनपदों के पुलिस अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दे दिए थे. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस ने भी बदमाशों के खिलाफ अभियान चलाते हुए कई नामचीन बदमाशों को या तो मुठभेड़ में मार गिराया या उन्हें जेल में ठूंस दिया गया.

जानवर पर जिरह

एक तरफ जहां यूपी पुलिस काबिले तारीफ़ काम कर रही है वहीं विपक्ष भी अपने काम पर लग गया है. पुलिस की गोली से शिकार तेंदुए पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सवालिया निशान उठाये हैं. अखिलेश ने व्यंगात्मक लहजे में कहा, ‘तेंदुए को पकड़ने के लिये जाल लगाये गये थे, वन विभाग की टीम थी तथा पुलिस भी थी. यदि तेंदुआ जाल तोड़कर बाहर आ गया था तो उसे पकड़ने के प्रयास किया जाना था. गोली मारने का क्या औचित्य था. क्या तेंदुए के पास कट्टा :देशी पिस्तौल: था और वह गोलियां चला रहा था और पुलिस को अपनी जान बचाने के लिये मुठभेड़ करनी पड़ी.’

UP 3 -

तेंदुए के मरने के बाद अखिलेश ने अपने ट्वीट में कहा था, ‘कौन सा कानून कहता है कि जानवरों को पकड़ने की जगह जान से मार दिया जाये, बेहोश भी तो कर सकते थे. नयी सरकार में क्या जानवरों के भी एनकाउंटर का चलन शुरू हो गया है. यह गैर कानूनी है, इसके ज़िम्मेदार बचने नहीं चाहिये.’

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये कहा, ‘’बेजुबान जानवर को बंद कमरे में मारना अपराध है. वन विभाग को उसको पकड़ने के प्रयास करने चाहिये, जिन लोगों ने यह काम किया है. उनके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिये.’