Controversy: कोटा बाढ़ प्रभावितों को मुआवजे में देरी? लोकसभा स्पीकर के गंभीर आरोप, कलेक्टर की सफाई

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Controversy: कोटा बाढ़ प्रभावितों को मुआवजे में देरी? लोकसभा स्पीकर के गंभीर आरोप, कलेक्टर की सफाई

हाइलाइट्स

  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुआवजे में देरी बताई
  • दीगोद एसडीएम की क्लास लेते हुए जमकर खरी खोटी भी सुनाई
  • कलेक्टर ने कहा- बाढ प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से बांटा जा रहा है मुआवजा
  • अब तक 10500 परिवारों को जारी किया चुका है मुआवजा

अर्जुन अरविंद
कोटा।
राजस्थान में हाड़ौती संभाग में बाढ़ प्रभावित परिवारों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर बड़ा विवाद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच गहराने लगा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आरोप लगाया है कि धरातल पर राहत कार्य में देरी हो रही है। राज्य सरकार और सरकारी अफसरों की संवेदनहीनता से लोगों को मुआवजा मिलने में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर अधिकृत होने के बावजूद मुआवजा समय पर जारी नहीं कर रहे हैं। हालांकि, मंगलवार को जब एनबीटी ने जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने बिरला के आरोपों को सिरे से नकार दिया। जहां लोकसभा स्पीकर मुआवजे में देरी के आरोप लगा रहे थे वहीं कलेक्टर की मानें तो अब तक 10500 लोगों को मुआवजा की रकम जारी की जा चुकी है।

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रिलीफ फंड में केंद्र का 2500 करोड़!
एक दिन पहले लोकसभा स्पीकर बिरला ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया। इस दौरान मौके पर ही सरकारी अफसरों को मुआवजे में देरी पर जमकर खरी खोटी भी सुनाई। बिरला ने कहा कि रिलीफ फंड में केंद्र के 2500 करोड़ रुपये पड़े हैं। राज्य सरकार पैसें को बाढ़ प्रभावित परिवारों तक क्यों नहीं पहुंचा रही है! लोगों को नुकसान का शत-प्रतिशत मुआवजा बिना देरी के मिलना चाहिए। किसी भी सूरत में देरी ठीक नहीं हैं। लोग टीन टप्पर में रहने को मजबूर हैं। मुआवजे और सरकारी सहायता में देरी के चलते ही बिरला की ओर से 5 हजार परिवारों के लिए छप्पर अभियान शुरू किया गया।
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10500 लोगों को मुआवजा

बिरला ने मुआवजे को लेकर राज्य सरकार, जिला प्रशासन और कलेक्टर की कार्यशैली पर उठाए सवालों पर एनबीटी ने कोटा कलेक्टर उज्जवल राठौड से बातचीत की। कलेक्टर का और उनसे राज्य सरकार का पक्ष जाना। कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ पीडितों को मुआवजा मिल रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद दी जा रही है। अब तक 10500 परिवारों को मुआवजा जारी किया जा चुका है। कुछ के मुआवजे की राशि प्रोसेस में है। प्रभावित परिवारों के बैंक खातों में पैसा पहुंच रहा है।
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यूडीएच मंत्री भी मैदान में, मुआवजा समय पर

सरकार के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल हाल ही खुद भी बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच पहुंचे। सरकार की मानें तो किसी बाढ़ प्रभावित परिवार ने उनसे मुआवजा नहीं मिलने की कोई शिकायत नहीं की। जिला कलेक्टर के अनुसार मुआवजा हर बाढ़ प्रभावित को पहुंचाने का क्रम शुरू हो गया है। जिला प्रशासन मुआवजे की प्रेस रिलीज भी जारी करेगा। तीन दिन का अवकाश होने से मदद पहुंचाने का काम कुछ प्रभावित जरूर हुआ है। लेकिन राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप मदद पहुंचाई जा रही हैं।

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केंद्र की टीम के आकलन और सहायता में देरी
जिला कलेक्टर ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से मुआवजे की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जो काम बाकी है उसपर भी तेजी से काम हो रहा है। लेकिन केंद्र की टीमों के यहां आकर जो सर्वे किया उसकी स्थिति की जानकारी नहीं। अब तक केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए कोई अतिरिक्त सहायत नहीं पहुंची है। केंद्र की टीमें सर्वे करके लेकर गई थी। उनकी कार्रवाई कहा पहुंची हैं इस बारे में तो वहीं टीमें बता पाएगी। जिला प्रशासन की कोशिश है कि पात्र व्यक्तियों को तत्काल मुआवजा पहुंचे।


बिरला तक पहुंची शिकायतें तो नाराजगी भी

गौरतलब है कि सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कोटा जिले के सुल्तानपुर क्षेत्र के किशनगंज, बूढादीत व बडौद गांवों में पहुंचे थे। यहां उन्होंने जनसहयोग से छप्पर अभियान शुरू किया था। बाढ प्रभावित परिवारों को लोहे के टीनशेड भेंट में दिए थे। यह मदद उन परिवारों को मिली, जिनके मकान-घर अतिवृष्टि व बाढ में जमीदोज हो गए थे। इसी दौरान किशनगंज गांव में ग्रामीणों ने बिरला से शिकायत की थी, कई परिवारों के मकान और मकान की दिवार गिर जाने के बावजूद सर्वे में शामिल नहीं किया गया। ऐसे में वह सरकारी मदद से वंचित रह गए हैं। प्रशासन का सर्वे ठीक नहीं किया गया।

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यह सुनकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जिला प्रशासन और दीगोद उपखंड प्रशासन के अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी जताई। दीगोद एसडीएम पुष्पा हरवानी की बाढ प्रभावित परिवारों के बीच क्लास ली। बिरला ने एसडीएम से कहा जब घर सामने टूटा नजर आ रहा हैं तो मुआवजा देने में दिक्कत कहां हो रही है। बिरला ने कहा अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं, जबकि उनकी लोगों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी हैं। एसडीएम को बिरला ने दोबारा सर्वे करवाकर, बाढ प्रभावित परिवारों को तुरंत मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। स्पीकर बिरला ने कहा कि अगर किसी का मकान टूटा है तो उसे 100% मुआवजा मदद के रूप में दिया जाना चाहिए, ताकि वे फिर से अपना आशियाना खड़ा कर सके।

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