चलती ट्रेन से चोरी हुआ सामान तो अदालत ने दिया जुर्माना भरने का आदेश

266

ठाणे की एक उपभोक्ता अदालत ने कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन से एक यात्री को 1.65 लाख रूपया मुआवज़ा देने का आदेश दिया है. यात्री को ये मुआवज़ा ट्रेन यात्रा के दौरान सामान चोरी होने पर जारी किया गया है. ठाणे के अतिरिक्त जिला उपभोक्ता निवारण मंच के अध्यक्ष ए. जेड. तेलगोटे और सदस्य त्र्यंबक ए.थूल ने महसूस किया कि “यात्रा के दौरान यात्री को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना रेलवे का दायित्व है.”

कीमती सामान की लूट

उल्लासनगर निवासी शिकायतकर्ता विनोद नाईक ने 14 मई 2015 को सूचना दी कि वह कोचुवेली- मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस से अपनी पत्नी और चार साल की बेटी के साथ यात्रा कर रहे थे. देर रात करीब दो बज कर 20 मिनट पर किसी ने ट्रेन की चेन खींची जिसके कारण ट्रेन कोलाद और मंगाव स्टेशनों के बीच 20 से 25 मिनट के बीच रूकी रही. नाईक का आरोप है कि इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उसकी पत्नी का सोने के ज़ेवरात के अलावा उसका मोबाइल फोन और नकदी लूट लिया. इसकी कुल कीमत 2.9 लाख रूपय थी.

2003 railway 1 -

रेलवे निगम का फैसला

कोंकण रेलवे निगम ने शिकायतकर्ता को हुये नुकसान के लिए एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. इसके अलावा उसके मानसिक पीड़ा के लिए 50,000 रूपया और मुकदमेबाजी में खर्च के लिए 15,000 रूपया भुगतान करने का आदेश दिया. फोरम ने आदेश दिया कि यह भुगतान 45 दिन के भीतर किया जाए नहीं तो इस पर 12 प्रतिशत सालाना की दर से शुल्क देना पड़ेगा.