कोरोना काल में स्टाफ के परिजनों की मदद के लिए आगे आईं कंपनियां, जानिए कैसे दे रही हैं राहत

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कोरोना काल में स्टाफ के परिजनों की मदद के लिए आगे आईं कंपनियां, जानिए कैसे दे रही हैं राहत

कोरोना काल में स्टाफ के परिजनों की मदद के लिए आगे आईं कंपनियां, जानिए कैसे दे रही हैं राहत

हाइलाइट्स:

  • बिगबास्केट, डालमिया भारत, वेदांत और एनटीपीसी ने किए हैं कई उपाय
  • कर्मचारियों की कोविड रिलेटेड डेथ इंश्योरेंस कवर दिया जा रहा है
  • परिजनों को मेडिकल असिस्टेंस, पति या पत्नी तथा बच्चों को रोजगार को मौका
  • बच्चों की शिक्षा में सहायता, परिजनों को एमरजेंसी फंड से तत्काल वित्तीय सहायता

नई दिल्ली
देश में चल रही कोरोनावायरस महामारी (Covid-19 pandemic) की दूसरी लहर से बड़ी संख्या में वर्किंग एज ग्रुप के लोग हताहत हुए हैं। इसके मद्देनजर कई कंपनियों ने ऐसी नीतियां बनाई हैं जिससे कि इस बीमारी से किसी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिजनों को मदद दी जा सके। इसमें कोविड से संबंधित डेथ इंश्योरेंस कवर से लेकर परिजनों को मेडिकल असिस्टेंट जारी रखना, पति या पत्नी और बच्चों को रोजगार का मौका देना और बच्चों की पढ़ाई में मदद देना शामिल है।

ऐसे वक्त में जब देश का हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर इस महामारी से लड़ने में संघर्ष कर रहा है, विभिन्न सेक्टरों की कंपनियां अपने कर्मचारियों और उनके परिजनों का हौसला बढ़ाने के लिए खास नीतियां बना रही हैं। पिछले हफ्ते ई-ग्रॉसर बिगबास्केट ने अपने 26,000 कर्मचारियों की लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लॉन्च की। इसमें कोविड डेथ कवर शामिल है। कंपनी ने थर्ड पार्टी एजेंसी के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया है। कंपनी के हेड ह्यूमन रिसॉर्सेज टीएन हरि ने कहा कि ये लोग फील्ड में काम कर रहे हैं और उनमें संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है। नई पॉलिसी में 5 लाख रुपये का कवरेज है। यह मौजूदा टर्म लाइफ इंश्योरेंस और एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसी के अतिरिक्त है। इन दोनों पॉलिसीज में भी प्रत्येक में 5 लाख रुपये का कवरेज है।

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अनलिमिटेड हॉस्पिटैलाइजेशन कवरेज
सीमेंट और शुगर बनाने वाली कंपनी डालमिया भारत कोरोना से जूझ रहे अपने कर्मचारियों को अनलिमिटेड हॉस्पिटैलाइजेशन कवरेज दे रही है। कंपनी के चीफ एचआर ऑफिसर अजित मेनन ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत हो जाती है तो कंपनी उसके परिवार को सपोर्ट करने के लिए पॉलिसी बना रही है। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते इसकी घोषणा हो सकती है। हम कोरोना से संबंधित मौत को इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल करने के लिए बीमा कंपनियों से भी बात कर रहे हैं।

एस्सार कैपिटल ने कर्मचारियों के योगदान से एक benevolent fund गठित किया है। अगर किसी कर्मचारी को कोरोना से मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को इस फंड से तत्काल मदद दी जा सकेगी। कंपनी की सीनियर डायरेक्टर (एचआर) प्रिया चक्रवर्ती ने कहा कि ग्रुप में सभी कर्मचारियों ने इसमें योगदान दिया है और कंपनी ने भी इसमें बराबर योगदान दिया है।

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परिजनों को मेडिकल सहायता
सरकारी कंपनी एनटीपीसी ने भी कोरोना के कारण जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को अतिरिक्त राहत देने का फैसला किया है। इसमें परिजनों के लिए मेडिकल सहायता और बच्चों को आश्रय के साथ शिक्षा शामिल है। यह विभिन्न ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम्स के अलावा है। कंपनी साथ ही अपनी डेथ रिलीफ स्कीम को भी मजबूत कर रही है। वेदांत ने सभी 12,000 एग्जीक्यूटिव्स के लिए एक टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू की है। इसके पॉलिसी के तहत हर कर्मचारी के पांच साल के सालाना वेतन के बराबर कवरेज है। वेदांत ग्रुप की सीएचआरओ मधु श्रीवास्तव ने कहा कि यह पॉलिसी मौजूदा मेडिक्लेम और ग्रुप पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस पॉलिसीज के अलावा है।

ग्लोबल आईटी कंपनी Accenture ने एक फंड गठित किया है जिसमें भारत में कंपनी के दो लाख कर्मचारी योगदान कर रहे हैं। अगर कंपनी के किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को इस फंड में से सहायता दी जाएगी। ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपने कर्मचारियों के अस्पताल का खर्च और घर में इलाज का खर्च उठाने के लिए एक इंश्योरेंस प्रोग्राम शुरू किया है। इसमें टर्म लाइफ कवरेज कर्मचारी के सालाना सीटीसी का पांच गुना है।

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