सांप्रदायिक रंग को बढ़ावा देता ‘Anti or Pro CAA’

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“अगर ऐसे ही हालात रहे और दंगा हुआ,
तो नफरत की आग में विश्वास का रिश्ता पीछे छूट जाएगा.
बैठे रहना धरने पर समर्थन या विरोध में,
फिर बचेगा ही क्या , अगर मेरा देश टूट जाएगा”


सांप्रदायिक रंग को बढ़ावा देता CAA का समर्थन और विरोध .देश में लगातार चिंताजनक हालात बना हुए हैं. शाहिन बाग का धरना प्रदर्शन को 2 महिने से ज्यादा का वक्त हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किए ताकि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाए और आम लोगो का परेशानी ना हो. वहां पर बातचीत से एक मार्ग खोलने पर सहमती बनी तो उम्मीद जगी कि अब देश में फिर से शांति का माहौल बन पाएगा. लेकिन अब खबर आ रही है कि जाफराबाद मैट्रों स्टेशन और चांदबाग पर CAA के समर्थक और विरोधियों में हिंसक झड़प ने माहौल को फिर खराब कर दिया है . इसके बाद कपिल मिश्रा ने एक ट्विट कर विड़ियों शेयर किया जो ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है.

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इस विडियों में उन्होने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जब भारत से वापस जाएंगे. तब तक का समय है प्रशासन तब तक इन प्रदर्शनका रियों को धरने से हटाकर आने जाने के लिए मार्ग को खुलवादे वरना हमें भी रोड़ पर आना पड़ेगा. इससे ये मुद्दा शांत होने की जगह बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.किसी मुद्दे का समर्थन या विरोध करना हमारा अधिकार है लेकिन हम दूसरो को परेशान नहीं कर सकते. कोई भी आंदोलन हिंसात्मक रूप से कभी सफल नहीं होता है. आंदोलन के लिए जरूरी है कि जनता आपके साथ हो ना की रस्ता रोकने से जनता आपके आंदोलन से परेशान हो.आज जो भी इस मुद्दे का भड़काने में अपना स्वार्थ देख रहें हैं वो जाने- अनजाने में देश में नफरत का इतना जहर घोल रहें हैं , जिससे सभी धर्मो के भाई-चारे का जो सपना देश के महापुरूषों ने देखा था वो हम कभी पूरा नहीं हो पाएगा.

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अंत में हम आपसे यहीं अनुरोध करते हैं कि शांति बनाए रखें और कोई भी ऐसा कदम ना उठाएं जिससे देश की आने वाली नस्लों को, प्यार की जगह नफरत के माहौल में रहने को मजबूर होना पड़ें.