China News: अरुणाचल में पूर्वी लद्दाख जैसी हिमाकत की फिराक में चीन? सीमा पर तेजी से बढ़ा रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर

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China News: अरुणाचल में पूर्वी लद्दाख जैसी हिमाकत की फिराक में चीन? सीमा पर तेजी से बढ़ा रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर

हाइलाइट्स:

  • तिब्बत के सुदूर इलाकों में लगातार पकड़ मजबूत कर रहा ड्रैगन
  • सीमा से लगे गांवों में तेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहा है चीन
  • चीनी सरकार के तिब्बती श्वेतपत्र में दी गई है जानकारी

नई दिल्ली
तिब्बत पर कब्जा जमाए बैठ चीन वहां अपनी पकड़ लगातार मजबूत कर रहा है। साथ ही उसकी नजर तिब्बत सीमा से लगने वाले दूसरे देशों पर भी है। ड्रैगन तिब्बत के भारत, भूटान और नेपाल सीमा से लगते दूरदराज के गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ा रहा है। अरुणाचल सीमा से सटे इलाकों में भी चीन ने हलचल बढ़ा दी है, वहां कई महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निर्माण वह कर रहा है। शुक्रवार को चीनी सरकार के तिब्बत पर श्वेत पत्र से यह खुलासा हुआ है।

पिछले साल लद्दाख में शुरू हुआ गतिरोध अभी तक पूरी तरह सुलझा नहीं है। वहीं लद्दाख सीमा पर चीनी फौज की हलचल फिर बढ़ने की खबरें आ रही हैं, ऐसे में चीन का अरुणाचल से सटे इलाकों में इस तरह इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कई आशंकाओं को जन्म दे रहा है। इस नए खुलासे के बाद यह सवाल उठने लगा है कि अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने वाला ड्रैगन क्या वहां भी लद्दाख जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी में है?

‘तिब्बत 1951 से: मुक्ति, विकास और समृद्धि’ शीर्षक के दस्तावेज में कहा गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास करना और तिब्बत में लोगों के जीवन में सुधार करना महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि सामरिक तौर अहम हिमालयी क्षेत्र 4,000 किलोमीटर लंबी बाहरी सीमा साझा करता है।इस दस्तावेज में कहा गया है कि पास के इलाकों के निवासी मुश्किल जीवन जीते हैं और मुश्किल स्थितियों में काम करते हैं और वहां गरीबी भी ज्यादा है। सरकार सभी स्तरों पर सरहदी इलाकों का विकास कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने की कोशिश कर रही है। दस्तावेज कहता है कि कम्युनिस्ट पार्टी के मार्ग दर्शन में तिब्बत में सीमा विकास के लिए साल दर साल आर्थिक आवंटन में इज़ाफा किया गया है।

राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 2012 में सत्ता में आने के बाद से सुरक्षा पर अतिरिक्त जोर देते हुए नए गांवों की स्थापना कर चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी गई है। भारत-चीन सीमा विवाद में 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बता कर उस पर दावा करता है, लेकिन भारत ने दृढ़ता से उसका दावा खारिज किया है।

अरुणाचल प्रदेश में साउथ चाइना सी वाली ‘चाल’ चल रहा है चीन, जानकारों ने किया भारत को आगाहचीन 477 किलोमीटर लंबी सीमा भूटान के साथ साझा करता है जबकि नेपाल के साथ 1389 किलोमीटर की सरहद लगती है। सीमा गांवों के विकास को राष्ट्रपति चिनफिंग के उस पत्र में भी रेखांकित किया गया था जो 2017 में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के नजदीक ल्हुन्जे काउंटी के एक तिब्बती परिवार को लिखा था और उनसे चीनी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अपनी जड़े जमाने और अपने गृहनगर के विकास पर तवज्जो देने को कहा था।

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चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (फाइल फोटो)



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