Cardiac Arrest: जिम नहीं, खराब लाइफ स्टाइल और तनाव से कार्डिएक अरेस्ट का खतरा ज्यादा
नई दिल्ली: फिट और हेल्दी दिखने वाले लोग भी इन दिनों कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं। साउथ के 46 साल के एक्टर पुनीत राजकुमार जिम में वर्कआउट करते हुए बेहोश हो गए थे, उन्हें हार्ट अटैक हुआ और मौत हो गई। कुछ दिन पहले ‘भाभीजी घर पर हैं’ टीवी सीरियल के कलाकार 41 साल के दीपेश भान क्रिकेट खेलते हुए बेहोश हो गए, उन्हें भी कार्डिक अरेस्ट आया था और उनकी भी मौत हो गई। इसी तरह बिग बॉस विनर 40 साल के सिद्धार्थ शुक्ला की मौत हो गई। फिट दिखने वाले स्टार ही नहीं, बल्कि हास्य कलाकार सुनील ग्रोवर भी हार्ट अटैक के शिकार हो गए। अभी वो ठीक हैं।
अब बुधवार को एक और जाने-माने हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो गए हैं। उनकी एक धमनी पूरी तरह से ब्लॉक हो गई थी। राजू एम्स में एडमिट हैं और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या जिम जाने या वर्कआउट करने की वजह से ऐसी स्थिति हो रही है या इसकी वजह कुछ और भी है।
जिम से इसका संबंध नहीं
जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर युसूफ जमाल ने कहा कि जिम से कार्डिएक अरेस्ट का कोई संबंध नहीं है। आपकी उम्र, वजन, खानपान, स्मोकिंग, जेनेटिक हिस्ट्री जैसी होगी, उसी तरह से इसका असर होता है। जब भी कोई चीज जरूरत से ज्यादा हो जाए- चाहे ओवर स्ट्रेस या फिजिकल स्ट्रेस, उसे बॉडी बर्दाश्त नहीं कर पाती। इसलिए, वर्कआउट अगर पहले नहीं किया है और अचानक कर रहे हैं, तो ट्रेनर की बातों को फॉलो करें, धीरे-धीरे शरीर की क्षमता बढ़ाएं।
कब आता है कार्डिएक अरेस्ट
डॉक्टर जमाल ने बताया कि बॉडी के अंदर जब कोलेस्ट्रॉल की परत ज्यादा होती है तो यह टूटने लगती है और टूटकर ब्लड में मिल जाती है। धीरे-धीरे यह हार्ट की नली को ब्लॉक कर देती है। डॉक्टर ने कहा कि जब स्ट्रेस ज्यादा हो, किसी भी तरह का स्ट्रेस हो, वजन ज्यादा हो, तो यह टूटने लगती है।
दक्षिण एशियाई लोगों को ज्यादा खतरा
मणिपाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बिपिन दूबे ने बताया कि साउथ एशियन लोगों को यूरोप के लोगों की तुलना में पहले से ही हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है। यूरोप की तुलना में 10 से 15 पर्सेंट ज्यादा खतरा है। यहां कम उम्र में और ज्यादा सीवियर अटैक आता है। ऊपर से जिन लोगों की लाइफ स्टाइल खराब है उन्हें और भी परेशानी हो सकती है। खासकर स्मोकर, अल्कोहल का सेवन करने वाले, देर रात तक जगने वाले, नॉनवेज ज्यादा खाने वाले लोगों में जिन्हें डायबिटीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है, उन्हें कार्डिएक अरेस्ट आने की संभावना कई गुणा ज्यादा है।
जिम करते हुए इन बातों का रखें ध्यान
- शुरू में ज्यादा एक्सरसाइज न करें
- सप्लिमेंट फूड्स न लें, इसमें स्टेरॉयड होता है
- अगर उम्र ज्यादा है और पहले कभी वर्कआउट नहीं किया है, तो संभलकर करें
- 40 साल से ज्यादा की उम्र है तो हेल्दी रहने वाला वर्कआउट करना चाहिए, न कि बॉडी बिल्डिंग वाला
- बॉडी बिल्डिंग वाला वर्कआउट बड़ी उम्र में शुरू करने में दिक्कत होती है, बॉडी बर्दाश्त नहीं कर पाती
हेल्दी रहने के लिए क्या करें
- ब्रिस्क वॉक, रनिंग, जॉगिंग करें
- 40 साल से ज्यादा उम्र है तो वॉक व रनिंग बेहतर है
- रोजाना नहीं तो हफ्ते में 150 मिनट वॉक करें
- औसतन रोज 25 से 30 मिनट की वॉक होनी चाहिए
साल में एक बार ये टेस्ट कराएं
- 35 से 40 साल की उम्र के लोग साल में एक बार शुगर, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी, इको, ट्रेडमिल जरूर कराएं
किसको है ज्यादा खतरा
- ज्यादा वजन, हाई बीपी, शुगर के मरीज, स्मोकर, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल लेवल वालों, स्ट्रेस और फैमिली हिस्ट्री वालों को ज्यादा खतरा रहता है
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अब बुधवार को एक और जाने-माने हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो गए हैं। उनकी एक धमनी पूरी तरह से ब्लॉक हो गई थी। राजू एम्स में एडमिट हैं और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या जिम जाने या वर्कआउट करने की वजह से ऐसी स्थिति हो रही है या इसकी वजह कुछ और भी है।
जिम से इसका संबंध नहीं
जीबी पंत अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर युसूफ जमाल ने कहा कि जिम से कार्डिएक अरेस्ट का कोई संबंध नहीं है। आपकी उम्र, वजन, खानपान, स्मोकिंग, जेनेटिक हिस्ट्री जैसी होगी, उसी तरह से इसका असर होता है। जब भी कोई चीज जरूरत से ज्यादा हो जाए- चाहे ओवर स्ट्रेस या फिजिकल स्ट्रेस, उसे बॉडी बर्दाश्त नहीं कर पाती। इसलिए, वर्कआउट अगर पहले नहीं किया है और अचानक कर रहे हैं, तो ट्रेनर की बातों को फॉलो करें, धीरे-धीरे शरीर की क्षमता बढ़ाएं।
कब आता है कार्डिएक अरेस्ट
डॉक्टर जमाल ने बताया कि बॉडी के अंदर जब कोलेस्ट्रॉल की परत ज्यादा होती है तो यह टूटने लगती है और टूटकर ब्लड में मिल जाती है। धीरे-धीरे यह हार्ट की नली को ब्लॉक कर देती है। डॉक्टर ने कहा कि जब स्ट्रेस ज्यादा हो, किसी भी तरह का स्ट्रेस हो, वजन ज्यादा हो, तो यह टूटने लगती है।
दक्षिण एशियाई लोगों को ज्यादा खतरा
मणिपाल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बिपिन दूबे ने बताया कि साउथ एशियन लोगों को यूरोप के लोगों की तुलना में पहले से ही हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है। यूरोप की तुलना में 10 से 15 पर्सेंट ज्यादा खतरा है। यहां कम उम्र में और ज्यादा सीवियर अटैक आता है। ऊपर से जिन लोगों की लाइफ स्टाइल खराब है उन्हें और भी परेशानी हो सकती है। खासकर स्मोकर, अल्कोहल का सेवन करने वाले, देर रात तक जगने वाले, नॉनवेज ज्यादा खाने वाले लोगों में जिन्हें डायबिटीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है, उन्हें कार्डिएक अरेस्ट आने की संभावना कई गुणा ज्यादा है।
जिम करते हुए इन बातों का रखें ध्यान
- शुरू में ज्यादा एक्सरसाइज न करें
- सप्लिमेंट फूड्स न लें, इसमें स्टेरॉयड होता है
- अगर उम्र ज्यादा है और पहले कभी वर्कआउट नहीं किया है, तो संभलकर करें
- 40 साल से ज्यादा की उम्र है तो हेल्दी रहने वाला वर्कआउट करना चाहिए, न कि बॉडी बिल्डिंग वाला
- बॉडी बिल्डिंग वाला वर्कआउट बड़ी उम्र में शुरू करने में दिक्कत होती है, बॉडी बर्दाश्त नहीं कर पाती
हेल्दी रहने के लिए क्या करें
- ब्रिस्क वॉक, रनिंग, जॉगिंग करें
- 40 साल से ज्यादा उम्र है तो वॉक व रनिंग बेहतर है
- रोजाना नहीं तो हफ्ते में 150 मिनट वॉक करें
- औसतन रोज 25 से 30 मिनट की वॉक होनी चाहिए
साल में एक बार ये टेस्ट कराएं
- 35 से 40 साल की उम्र के लोग साल में एक बार शुगर, हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी, इको, ट्रेडमिल जरूर कराएं
किसको है ज्यादा खतरा
- ज्यादा वजन, हाई बीपी, शुगर के मरीज, स्मोकर, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल लेवल वालों, स्ट्रेस और फैमिली हिस्ट्री वालों को ज्यादा खतरा रहता है