यूपी: योगी सरकार ने पेश किया 2018  का पहला बजट किसानों और युवाओं पर होगी ख़ास नज़र

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है. पिछले साल यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 3 लाख 84 हजार करोड़ का बजट पेश किया था. इस बार माना जा रहा है कि यूपी का बजट 4 लाख करोड़ से ऊपर का होगा.

उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017-18 को किसान वर्ष घोषित किया था और किसानों को कर्जमाफी जैसी सबसे बड़ी योजना की सौगात दी थी. सरकार 2018-19 को युवा वर्ष घोषित किया है, लेकिन युवाओं को लैपटॉप के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. सरकार ने युवा वर्ष में लैपटॉप की जगह नौकरी को प्राथमिकता देने का मन बना लिया है. इसके अलावा खेती-किसानी, सड़क-बिजली-पानी, एक्सप्रेस-वे व नहरों के विकास जैसे कामों पर दूसरे बजट में फोकस होगा.

अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं तो योगी सरकार के लिए ये बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है. 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में जनता के लिए लुभावना बजट बनाना और विकास कार्यों के लिए फंड का जुगाड़ करना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. बजट से पहले बुलाई गई कैबिनेट बैठक खत्म हो चुकी है. ये बैठक बजट पेश होने से ठीक पहले की गयी.बैठक में  कैबिनेट मीटिंग में बजट प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. ये पिच्ले साल की तुलना में 11.4 परसेंट ज्यादा हो सकता है.

Budget2018 -

बजट में उर्जा विभाग पर भी जोर

आज एक बार फिर योगी सरकार किसानों को समर्पित बजट पेश कर रही है. कैबिनेट बैठक में बजट अनुमोदन के अलावा 9 प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली. कानपुर और आगरा में जर्जर सरकारी भवनों के धस्त्विकरण को मंजूरी दी गई. बजट में इस बार ऊर्जा विभाग को भी मंजूरी दी गई है. ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए ज्यादा पैसों का प्रावधान किया गया है. लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए नया एलान संभव. युवा वर्ष में लैपटॉप की जगह नौकरी को मिलेगी प्राथमिकता. बजट में ‘सर्व शिक्षा अभियान’ के लिए 18 हजार 167 करोड़ रुपए को मिली मंजूरी.

यूपी के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि युवाओं के लिए 250 करोड़ के स्टार्टअप फण्ड दिए गए. दीन दयाल ग्रामोद्योग योजना के लिए 10 करोड़ रुपए जारी किए गए. खादी मार्केटिंग के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किए गए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 550 करोड़ जारी किए गए. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिये 1000 करोड़ रुपए का बजट दिया गया. आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे को 500 करोड़ रुपए दिए गए थे.