brain health: मप्र के युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़े, हर दिन आ रहे मरीज

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brain health: मप्र के युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़े, हर दिन आ रहे मरीज

आरामतलब जीवनशैली और तनाव से 40 से कम उम्र में हो रहा स्ट्रोक
सर्दी बढऩे के साथ बढ़ जाते हैं पीडि़त

जबलपुर। ज्यादा उम्र में लोगों को होने वाला ब्रेन स्ट्रोक आजकल कम उम्र के युवाओं में सुनने में आ रहा है। बदलती दिनचर्या, आरामतलब जीवनशैली और तनाव से यंग स्ट्रोक के केस बढ़ रहे हैं। शहर में हर दिन 5-7 ब्रेन स्ट्रोक पीडि़त, 40 वर्ष से कम उम्र वाले आ रहे हैं। ठंड का मौसम शुरू होने के साथ ही खून के थक्के जमने के साथ स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। मरीज को तुरंत उचित उपचार नहीं मिलने पर जान जाने का खतरा रहता है। इसलिए मौसम में परिवर्तन के साथ सावधानी रखना जरूरी है। युवाओं की ओर से ठंड से बचाव को लेकर लापरवाही भी कई बार ब्रेन स्ट्रोक का वजह बन जाती है।

ब्रेन हैमरेज और ब्रेन स्ट्रोक
जब दिमाग तक खून पहुंचाने वाली नसें फट जाती और रक्तस्त्राव होने लगता है तो ये ब्रेन हैमरेज की स्थिति होती है। ये ब्रेन स्ट्रोक का ही एक प्रकार है। यदि ज्यादा रक्तस्त्राव होता है तो खतरा रहता है। इसलिए जल्द सर्जरी करके समस्या दूर करना जरुरी हो जाता है। दूसरी स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग तक खून पहुंचाने वाली नसों में थक्के जम जाते हैं। इसे क्लॉटिंग के छह घंटे के अंदर क्लॉक पाइप के जरिए शक कर लिया जाएं तो मरीज स्वस्थ्य हो जाता है।

 

FIR on doctor in girl child death case

IMAGE CREDIT: Blood

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेहतर सुविधाएं
राहत वाली बात ये है कि नेताजी सुभाषचंद्रबोस मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पशेलिटी हॉस्पिटल में आधुनिक उपकरण और कुशल विशेषज्ञों की टीम के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की जांच, सर्जरी और उपचार की बेहतर सुविधा है। दूरबीन पद्धाति के साथ ही पाइप के जरिए क्लॉटिंग शक करने जैसी आधुनिक न्यूरो चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।

शहर में स्थिति
ठ्ठ 7-10 ब्रेन स्ट्रोक के मरीज अभी एक-एक न्यूरो कंसल्टेंट के पास आ रहे हैं।
ठ्ठ 25 प्रतिशत पीडि़तों की इसमें तुरंत ऑपरेशन करने की आवश्यकता होती है।
ठ्ठ 02 दोगुने से ज्यादा हो जाते है शीतकाल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या।

ब्रेन स्ट्रोक की वजह
– जंक फूड का ज्यादा सेवन
– उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह
– मोटापा और रक्त शर्करा
– शराब, धूम्रपान, तनाव
– पान-तंबाकू की लत
– जेनेटिक हार्ट व किडनी डिजीज

ब्रेन स्ट्रोक अब कम उम्र के मरीजों में भी देखा जा रहा है। इसे यंग स्ट्रोक कहते हैं। ब्रेन स्ट्रोक के ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में भर्ती होते हैं। इन्हें तुरंत उचित उपचार और 25 प्रतिशत मामलों में जल्द सर्जरी की जरुरत होती है। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण पर न्यूरो फिजिशयन और न्यूरो सर्जन से शीघ्र संपर्क करना चाहिए। यदि समय रहते क्लॉटिंग को दूर कर दिया जाएं तो मरीज स्वस्थ्य हो जाते है। ठंड के समय में लोगों को अतिरिक्त सावधानी रखना चाहिए।
– डॉ. वायआर यादव, सीनियर न्यूरो सर्जन, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल






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