Bihar Politics : ‘अजय आलोक जी आपने सही लिखा है…’ गिरिराज सिंह ने क्यों ठोकी पीठ? जानिए

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Bihar Politics : ‘अजय आलोक जी आपने सही लिखा है…’ गिरिराज सिंह ने क्यों ठोकी पीठ? जानिए

पटना : चाहे वो ज्ञानवापी का मुद्दा हो या ओवैसी की प्रतिक्रिया पर जवाब। अजय आलोक ने अपने ट्विटर पोस्‍ट के जरिए अपने विचार और टीवी डिबेट्स की क्लिप शेयर की, जिन्‍हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अजय आलोक की नजदीकियां बीजेपी से ज्‍यादा नजर आ रही थी। जिसका नतीजा ये रहा कि उन्‍हें पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया। मगर उनके वैचारिक मुद्दों को गिरिराज सिंह का साथ मिला है।

जेडीयू के फायर ब्रांड प्रवक्‍ता के तौर पर अजय आलोक की पहचान रही है। हालांकि उनके बोलने पर लंबे समय से रोक लगी हुई थी। लेकिन सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव थे। आखिरकार उन्‍हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। कई मुद्दों पर वो बीजेपी के ज्‍यादा नजदीक नजर आ रहे थे। हालांकि वो पार्टी के कार्यकर्ता थे। प्रवक्‍ता के तौर पर टीवी डिबेट्स में हिस्‍सा नहीं ले रहे थे। अक्सर उनके बयान बीजेपी के लाइन पर होते थे। जो पार्टी को पसंद नहीं था। उनके सोशल मीडिया पोस्‍ट और ट्वीट्स देखकर, ये अंदाजा लगाया ही जा सकता है। पार्टी से बाहर होने के बाद अजय आलोक को बिहार बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का साथ मिला है।

अजय आलोक ने जनसंख्या को लेकर एक डेटा ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि ‘आज 11 वर्षों के बाद बिहार की आबादी 13 करोड़ हो गई मतलब 30% की बढ़ोतरी, प्रजनन दर 3.3% से घट के 2.9% हो गया, महिला शिक्षा और जागरूकता के कारण, लेकिन राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा हैं। धर्म विशेष की आबादी 1.74 करोड़ से बढ़ कर लगभग 2.5 करोड़ हो चुकी हैं, मतलब 40% से ऊपर लेकिन कानून नहीं बने। ये अगर किसी राजनीतिक दल का स्टैंड है कि कानून नहीं बने सिर्फ जागरूकता करिए तो गलत है, सत्ता सर्व समाज के लिए है किसी को खुश करने के लिए नहीं। वैसे भी बिहार और देश का अल्पसंख्यक हमेशा निर्णायक रहा है कि वो वोट कहां देगा, इसीलिए गोंईठा में घी डालने का फायदा नहीं होगा।’

जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बिहार के बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह काफी मुखर रहते हैं। उन्होंने अजय आलोक के ट्वीट पर अपना रिएक्शन दिया। उन्होंने कहा कि ‘अजय आलोक जी आपने सही लिखा है, जनसंख्या नियंत्रण कानून को राजनीति के चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है। राष्ट्र के विकास के चश्मे से देखने की जरूरत है। अगर 1979 में चाइना (चीन) जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कड़ा कानून नहीं बनाया होता तो आज दुनिया के सामने सशक्त चाइना नहीं होता।’

हाल ही में जेडीयू की ओर से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की बात कहकर अजय आलोक सहित चार नेताओं को निलंबित कर दिया गया था। जेडीयू ने पहले केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को साइड लाइन किया और बीजेपी से ‘यारी’ के चक्‍कर में अजय आलोक को भी पार्टी ने किनारे कर दिया।

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