पर्यावरण की एनओसी के बिना नहीं खोद सकेंगे बेसमेंट व भूतल

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अवैध मिट्टी खनन पर सख्ती से लगाम कसने को जिला प्रशासन अब आवासीय उपयोग के बड़े निर्माण कार्यों पर शिकंजा कसेगा। इसके लिए 10 हजार स्कावयर फीट से ज्यादा के आवासीय अथवा व्यवसायिक क्षेत्र में बेसमेंट निर्माण को होने वाले अवैध मिट्टी खनन की रोकथाम को अब निर्माण स्थल पर सीधे ही गठित टीम छापेमारी कर खनित मिट्टी की माप जोख के आधार पर रायल्टी व जुर्माना राशि का निर्धारण कर इसकी वसूली सुनिश्चित कराएगी।

साथ ही आवासीय उपयोग के बेसमेंट अथवा भूतल निर्माण को लेकर होने वाले मिट्टी खनन की अनुमति पाने के लिए अब एलडीए, आवास विकास अथवा नगर निगम से स्वीकृत भवन निर्माण नक्शे के साथ ही पर्यावरण विभाग की एनओसी देना भी आवेदक के लिए जरूरी होगा। अभी तक पर्यावरण एनओसी की व्यवस्था सिर्फ ईट भट्ठा अथवा व्यवसायिक स्तर पर नदी किनारे मिट्टी  बालू के खनन पर ही लागू थी।

Without the environment NOC the basement and surface will not be digested 1 news4social -

भवन निर्माण की आड़ में शहरी सीमा से सटे इलाकों में बेसमेंट निर्माण कार्य के लिए धड़ल्ले से हो रहे अवैध मिट्टी खनन की बढ़ती शिकायतों बाद यह निर्देश जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने खनन अनुभाग संग प्रभारी अधिकारी व एडीएम वित्त राजस्व को दिया है।

निर्देश में कहा गया है कि आवासीय उपयोग के लिए बेसमेंट अथवा भूतल निर्माण कार्य के लिए होने वाली मिट्टी खुदाई से पहले अब आवेदक को खनन अनुमति के लिए संबंधित आवासीय विभाग एलडीए, आवास विकास अथवा नगर निगम स्तर से स्वीकृत भवन नक्शे के साथ ही पर्यावरण विभाग की एनओसी भी खनन अनुभाग को देना जरूरी होगा। इसी के बाद आवेदक को मिट्टी खनन की अनुज्ञा (लाइसेंस) जारी होगा।

बिना खनन अनुज्ञा के निर्माण स्थल पर चोरी छिपे अवैध खनन कराने वाले भवन ठेकेदारों व बिल्डरों की धरपकड़ में अब पूरी सख्ती बरती जाएगी। इसके लिए एसडीएम अथवा एसीएम की अगुवाई में गठित निगरानी कमेटी निर्माण स्थल साइट पर ही औचक छापेमारी कर अवैध मिट्टी खनन को पकड़ेगी।

सख्ती के घेरे में मुख्य तौर पर एलडीए, आवास विकास में पंजीकृत ठेकेदारों के साथ ही अन्य निजी बिल्डरों के ऐसे बड़ी निर्माण साइट रहेगी जिनका विस्तार क्षेत्र दस हजार स्कावयर फीट से ज्यादा जमीन पर होगा। जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित इस टीम को हर सप्ताह की अपडेट कार्रवाई रिपोर्ट भी तैयार कर देनी होगी। इसी के आधार पर अवैध खनन कार्य की रोकथाम में शिथिलता बरतने के जिम्मेदारों को भी चिह्नित कर कार्रवाई के घेरे में लाया जाएगा।