अलवर के फलाहारी बाबा पर बालात्कार का मुक़दमा

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अलवर के अरावली विहार थाना पुलिस ने बालात्कार के आरोप में फंसे फलाहारी बाबा के खिलाफ 84 दिन बाद आज एसीजेएम कोर्ट नम्बर 3 में चार्जशीट दाखिल कर दी गयी है. बिलासपुर की एक युवती ने फलाहारी बाबा पर बालात्कार करने की कोशिश का आरोप लगाया है. इस मामले में पुलिस ने फलाहारी बाबा के खिलाफ 40 पन्नों की चार्जशीट पेश की है, जिसमें पुलिस ने बाबा को दोषी मानते हुए धारा 506 और 376 (2f) में चार्जशीट पेश की है.

बिलासपुर की एक 21 वर्षीय युवती ने फलाहारी बाबा के खिलाफ छत्तीसगढ़ के कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज करवाई थी और बाबा के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाया था. उत्तराखंड पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल करवाया गया और बयान दर्ज कर रिपोर्ट अलवर भेज दी गई. जिसके बाद अलवर पुलिस ने अरावली विहार थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

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इसी दौरान फलाहारी बाबा बीमारी का बहाना बनाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया, जहां डाक्टरों ने उसे फिट घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने 23 सितम्बर को अस्पताल से गिरफ्तार कर फलाहारी बाबा को एसीजेएम कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने बाबा को 16 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. तब से अब तक बाबा न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.

थाना प्रभारी शीशराम ने बताया कि पुलिस ने बाबा को रेप केस में दोषी मानते हुए कोर्ट में चालान पेश कर दिया है. पुलिस द्वारा गवाहों के बयान, तकनीकी साक्ष्य और मौखिक साक्ष्य एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए चालान कोर्ट में पेश किया है.

यह था पूरा मामला

बिलासपुर थाने में पीड़िता ने बाबा के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद बिलासपुर से पुलिस के उप निरीक्षक केस की डायरी लेकर अलवर पहुंचे. इसके बाद अलवर पुलिस ने अरावली विहार थाने में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि वह 7 अगस्त को अलवर आई थी तब बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म किया.

मामला बेहद हाईप्रोफाइल था इसलिए पीड़ित परिवार ने इस पूरे मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ के डीजीपी एएन उपाध्याय से की.