370, 35A के हटने से कश्मीर में होंगे ये बदलाव

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केन्द्र की मोदी सरकार के संविधान की धारा 370 और अर्टिकल 35A को हटाने का ऐलान किया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक बिल 2019 पेश किया, जिसके बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रही हैं। मगर जरूरी बात ये है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से घाटी में क्या बदलाव आयेंगे, यह जानना जरूरी है।

1- सरकार ने तीन हिस्सों वाले जम्मू कश्मीर (जम्मू, कश्मीर, लद्दाख) को दो हिस्सों में ( जम्मू कश्मीर और लद्दाख) बांटा और दोनों केन्द्र शासित प्रदेश होंगे।

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2- विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया गया। केन्द्र का शासन होगा।


3- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को दोहरी नागरिकता थी, एक भारत की और एक जम्मूू-कश्मीर की। धारा 370 के हटने के बाद सिर्फ एकल नागरिकता होगी।


4- जम्मू-कश्मीर का पहले अपना अलग झंडा होता था। मगर केन्द्र सरकार के फैसले के बाद तिरंगा झंडा ही राष्ट्रध्वज होगा।

5- राज्य में विधानसभा कार्यकाल का पहले 6 साल का होता था। अब भारत के दूसरे राज्यों की तरह वहां भी पांच साल का कार्यकाल होगा।


6- आर्टिकल 35A के कारण कश्मीर में बाहरी जमीन नहींं खरीद सकते थे। अब भारत का कोई भी निवासी कश्मीर में जमीन खरीद सकेगा।


7- जम्मू-कश्मीर में आरटीआई के लागू नहीं हो सकता था। अब वहां आसानी से इसे लागू किया जा सकेगा।

8- जम्मू-कश्मीर में अपना अलग संविधान होता था। मगर मोदी सरकार के फैसले के बाद यह खत्म हो जाएगा और वहां भारतीय संविधान लागू होगा।

9- केन्द्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाया है, जहां राज्य की कमान उपराज्यपाल के हाथों में होगी और वहां चुनाव नहीं होंगे।

10- वहीं जम्मू कश्मीर भी केन्द्रीय शासित राज्य होगा। मगर वहां दिल्ली-पोंडीचेरी की तरह विधानसभा होगी और हर पांच साल बाद चुनाव होंगे।