Army Day 2020: भारत में हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है सेना दिवस

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भारत 72वां सेना दिवस मना रहा है. यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली व सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है. सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है. ये दिन हर साल 15 जनवरी को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान को लेकर मानाया जाता है.

मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं,
ऐसे जाबाज़ सैनिक हमारे भारत की शान है
देश के उन वीर जवानों को हमारा सलाम

साल 1949 में 15 जनवरी भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर की जगह, लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा ने ली थी. करियप्पा ने 1947 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाली थी. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल ये दिन मनाया जाता है. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी. आर्मी डे पर पूरा देश थल सेना के साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है.

आजादी के बाद देश में कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा. भारतीय सेना के अध्यक्ष तब भी ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे. 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे. उस समय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे. केएम करियप्पा के सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद से ही हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाने लगा.

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आईए आपको बताते है केएम करियप्पा से जुड़ी खास बातें

केएम करियप्पा को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी. भारतीय इतिहास में अभी तक यह उपाधि सिर्फ दो अधिकारियों को दी गई है.

उन्होने सन् 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था.

1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी की शुरुआत की थी.

साल 1953 में रिटायर हुए थे और 1993 में 94 साल की आयु में उनका निधन हुआ था.

किसी भी भारतीय के लिए ‘सेना दिवस’ किसी राष्ट्रीय पर्व से कम नहीं होता है. इस विशेष अवसर पर सेना द्वारा परेड निकाली जाती है. भारतीय सेना की टुकड़ियां सेना प्रमुख को गार्ड ऑफ ऑनर देती हैं. इसके बाद भारतीय सेना के म्युजिक बैंड अपनी प्रस्तुतियां देते हैं. भारतीय सेना अपनी सैन्य शक्तियों का प्रदर्शन करती है. इसी अवसर पर सेना के जवानों को उनकी बहादुरी और साहस भरे कारनामों के लिए मैडल देकर उन्हें सम्मानित किया जाता है.

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कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना
कभी तपती धूप में जल के देख लेना
कैसे होती है हिफाजत मुल्क की
कभी सरहद पर चलकर देख लेना
Happy Indian Army Day