प्रसिद्ध ब्रांड अमूल और मदर डेरी मानक स्तर पर फेल, पानी व दूध पाउडर की मिलावट

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इस शुक्रवार (4 मई) को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अमूल और मदर डेयरी के दूध के 177 नमूनों की जांच की जिनमें से 165 सैंपल के नतीजे आए और 21 मानक स्तर पर फेल सिद्ध हुए. दोनों ही प्रसिद्ध ब्रांड अमूल और मदर डेरी मानक स्तर पर खरे नहीं उतर पाए है. जिसकी दो वजह हो सकती है एक असुरक्षित या नकली और दूसरा इनमें वसा व अन्य घटकों की मात्रा निर्धारित स्तर पर नहीं पाई गई. इस अभियान की शुरुआत 13 और 28 अप्रैल को की गई जिसमें शहद के साथ घी के तीन सैंपल भी लिए गए जिनकी गुणवत्‍ता में भी कमी पायी.

21 सैंपल में मिली मिलावट

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मानकों पर खरा नहीं उतरने से अभिप्राय यह है कि वसा की मात्रा पांच फीसदी होने चाहिए जो तकरीबन तीन फीसदी ही पाई गई है. सरल  शब्दों में बोले तो इन उत्‍पादों में पानी व दूध पाउडर की मिलावट काफी ज्यादा पाई गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि जांच का यह अभियान जारी रखा जाएगा ताकि पनीर व खोया जैसे दुग्ध उत्पादों की भी जांच सही तरीके से की जा सकें.

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5000 से 5 लाख रुपये तक जुर्माना

सरकार द्वारा दूध की गुणवत्ता का खराब होने के मामलों में पाए जाने वाले दोषियों पर 5000 से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है. और अगर किसी भी खाद्य वस्तु में मिलावट मिली जो स्वास्थ्य के लिए हानिकार पाई तो ऐसी स्थिति में छह माह से तीन साल तक की जेल हो सकती है.

मदर डेरी ने अपने सफाई में कहा है कि दूध के नमूनों की जांच की रिपोर्ट सरकार से अभी तक नहीं मिली है इसलिए इस मामले पर ज्यादा कुछ कहें पाना मुश्किल है। पर हम यह कहा सकते है कि हम चार स्तरों पर गुणवत्ता मानकों की जांच के बाद ही दूध उपभोक्ताओं तक पहुंचते है। इसलिए हम दूध की गुणवत्ता का खास ध्यान रखते है. हाल ही में मदर डेयरी के पॉली पैक दूध को तय मानकों के पूरा पालन के लिए क्वालिटी मार्क प्रमाण पत्र मिला है।