नया स्कैम : चीनी मिल घोटाले में आया कैप्टेन अमरिंदर सिंह के दामाद का नाम

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पंजाब नेशनल बैंक और रोटोमैक घोटालो के बाद एक और बैंकिंग घोटाला सामने आया है. इस नए घोटाले का सम्बन्ध देश की बहुत बड़ी चीनी मिल सिम्भौली शुगर मिल- हापुड़, पंजाब से है. इस मामले में कई बड़े लोगो के नाम सामने आये हैं जिसमे इस शुगर मिल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गुरमीत सिंह मान, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गुरपाल सिंह, सीईओ जीएससी राव और सात अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसमें से एक मुख्य नाम गुरपाल सिंह का भी है जो कि पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह के दामाद हैं. इन सब पर आपराधिक साजिश, चीटिंग और जालसाजी के आरोप लगे है.
बैंक ने इस मामले के सम्बन्ध में सबसे पहले 17 नवम्बर 2017 को सीबीआई को रिपोर्ट दर्ज करा दी थी. सीबीआई ने इस कंपनी के दिल्ली नॉएडा और हापुड़ स्थित 7 जगहों और रजिस्टर्ड कार्यालयों पर छापेमारी की हैOriental bank -

क्या है आरोप :
आरोप है कि चीनी मिल ने साल 2011 में 5700 गन्ना किसानो को सस्ते और अच्छे बीज व उर्वरक दिलाने के लिए ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स से लोन लिया था. कंपनी ने साल 2011 मैं बैंक को 5700 किसानो की एक सूचि दी थी जिनके लिए चीनी मिल ने लोन माँगा था. हर किसान को 3 लाख रूपए की राशि देने का निश्चय किया गया था. इस पूरी योजना के तहत कंपनी ने किसानों के नाम के साथ उनकी जमीन के दस्तावेज और रिकॉर्ड भी बैंक को मुहैया कराए थे. साथ ही कंपनी को KYC फॉर्म भी जमा करने थे.
उसके बाद कंपनी द्वारा लोन की राशि सभी किसानो के अकाउंट में ट्रान्सफर कर दी गई थी. लेकिन कुछ समय बाद ये राशि वापिस ले ली गई और किसी और अकाउंट में ट्रान्सफर कर दी गई और उन पैसो का निजी उपयोग होता गया. इस लोन का ६० करोड़ रूपए कंपनी ने किश्तों के ज़रिये बैंक को वापिस दे दिया लेकिन बाकी ९० करोड़ रूपए अब तक नहीं दिए. जानकारी के मुताबिक ब्याज लगाकर अब ये राशी कुल मिलाकर ११० करोड़ रूपए हो गई है.
बैंक द्वारा की गई जांच :
जब बैंक द्वारा इस मामले कि जांच हुई तब ये पता चला की कंपनी ने किसानो के गलत केवाईसी फॉर्म जमा करवाए और बैंक के अकाउंट से किसी और बैंक के अकाउंट में सारा पैसा ट्रान्सफर कर दिया गया इसलिए सारे पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ. शिकायत में ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स ने कहा है कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के नेतृत्व में क