आज राहुल गाँधी ने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के लिए इकलौता नामांकन भरा। उनसे पहले उनकी माँ श्रीमती सोनिया गाँधी ने 19 साल तक यह भूमिका निभायी। उनसे पहले 1991 तक राजीव गाँधी इस ओहदे पर थे। राहुल गाँधी को अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित करने पर बड़ा विवाद तब हुआ जब पार्टी के कईं वरिष्ठ नेताओं ने अध्यक्ष पद के चुनाव फिक्स्ड होने का इलज़ाम लगा कर यह कहा कि राहुल को अध्यक्ष बनाने का निर्णय तय है और वह ही बनेंगे क्यूंकि वह गाँधी परिवार के पुत्र हैं। हमारा आज का सवाल भी इसी मुद्दे पर है:
क्या कांग्रेस अध्यक्ष की जगह गाँधी परिवार के लिए रिजर्व है?
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