निर्जला व्रत और मौन व्रत के बाद चर्चा में आया ये नया व्रत! क्या आप रखेंगे?

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लोग अपनी फिटनेस के लिए क्या नहीं करते. अलग-अलग व्रत और फ़ास्ट रखते हैं मगर अगर हम कहें कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी आप एक ख़ास व्रत रख सकते हैं तो क्या आप रखेंगे. दरअसल हम सब जानते हैं कि ध्वनि प्रदूषण भी वातावरण के लिए हानिकारक होता है. ध्वनि प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह होती है सड़कों पर लगातार हॉर्न बजाना. यही वजह है कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए महाराष्ट्र में एक अलग तरह के अभियान की शुरुआत की गई है.

महाराष्ट्र में आवाज़ फाउंडेशन ने महाराष्ट्र परिवहन विभाग, रिक्शा यूनियन के साथ मिलकर ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए नई पहल की है. इस अभियान के अंतर्गत ये सभी संगठन लोगों से सड़कों पर हॉर्न न बजाने की अपील कर रहे हैं. इस अभियान को इन्होंने ‘हॉर्न व्रत’ नाम दिया है. हॉर्न व्रत का मतलब है कि हॉर्न बजाने से तौबा करना.

हॉर्न व्रत अभियान के हिस्से के रूप में ऑटो रिक्शा के पूरे बॉडी पर हॉर्न लगे हुए हैं और इसके साथ लोगों से हॉर्न न बजाने की अपील की जा रही है. ये स्पेशल ऑटो मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में जाकर अपील कर रहा है. हॉर्न से सुसज्जित थ्री व्हिलर हॉर्न न बजाने की अपील कर रहा है और जागरुकता फैलाने के लिए मुंबई और इसके आस-पास घूम रहा है. इसमें सबसे अच्छी बात है कि इस अभियान को पुलिस का अच्छा साथ मिला है.

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बता दें कि हॉर्न व्रत कैंपेन की शुरुआत 27 जनवरी 2018 को गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुआ.

एएनआई के मुताबिक, रिक्शामेन यूनियन के एक सदस्य ने कहा कि हॉन्किंग (हॉर्न बजाना) द्वारा ध्वनि प्रदूषण तनाव और क्रोध को बढ़ाता है. साथ ही और ध्वनि प्रदूषण के संपर्क में होने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.