स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों ने अपमानित कर गांव से भगाया

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स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों ने अपमानित कर गांव से भगाया

हमीरपुर जिले के गांवों में कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन के लिये जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ ग्रामीणों की बदसूलीकी और विरोध बढ़ता ही जा रहा है।

हमीरपुर. हमीरपुर जिले के गांवों में कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन के लिये जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ ग्रामीणों की बदसूलीकी और विरोध बढ़ता ही जा रहा है। आज फिर कई गांवों में जांच को गयी स्वास्थ्य विभाग की टीमों को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। जबकि ग्रामीण इलाकों में बड़ी तादाद में लोगों की संदिग्ध मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। बावजूद इसके ग्रामीण जांच करवाने को राजी नहीं हैं।

दर्जनों ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग की टीम को घेर कर उनसे बदसुलूकी करने ले। इनमें महिलाएं भी पीछे नहीं है। कल भी कई गांवों में ग्रामीणों ने इन टीमों के साथ बदसुलूकी करके उनको बिना जांच कराए ही गाँवों से भगा दिया था और आज फिर से स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा देखने को मिला है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ बदतमीजी पर ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के बजाए हमीरपुर जिले के सीएमओ टालमटोल जवाब देते नजर आए।

एक दिन पहले भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को ग्रामीणों ने भटपुरा और भैसा पाली गांवों से भगा दिया था। इस स्वास्थ्य टीम के कर्मी डॉक्टर रतनलाल, एल. ए. अभय यादव, सी. एच. ओ. बृज बिहारी धौहल व कुपरा गांव में घर-घर कोरोना की सैंपलिंग करने गए थे। दोनों गांव के ग्रामीणों ने टीम के साथ बदसलूकी की तथा जांच कराने से इंकार करते हुए गांव से भगा दिया। धौहल गांव के ग्रामीणों का आरोप था कि बुखार व अन्य बीमारियों से गांव में अब तक तेरह बुजुर्गों की मौत हो गई है। तब टीम क्यों नहीं आई। अब यहां किसी को जांच नहीं करानी है। गांव के लोग पूर्ण स्वास्थ्य है। कुपरा में भी ग्रामीण द्वारा गांव में कोई बीमारी ना होने की बात कहते हुए जांच कराने से इंकार कर दिया तथा टीम को गांव से भगा दिया। आगे बताया कि उन्होंने इसकी सूचना थाना पुलिस को दे दी है। तथा कोरोना की जांच में अवरोध पैदा करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।







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