सैलून का ‘लॉक’ खुलते ही लग गई लाइनें, लोगों ने कहा- चेहरे की रौनकी लौटी

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सैलून का ‘लॉक’ खुलते ही लग गई लाइनें, लोगों ने कहा- चेहरे की रौनकी लौटी

हाइलाइट्स:

  • अनलॉक के पहले दिन सुबह 6 से 7 बजे के बीच ही सैलून खोले गए
  • सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोग अपने नंबर आने का इंतजार करते रहे
  • कई लोग ऐसे थे जिन्होंने बाल कटवाने के लिए दो महीने तक किया वेट

नई दिल्ली
राजधानी में करीब 2 महीने बाद सोमवार को सैलून खुलते ही सुबह से ही लोग सैलून पर पहुंचने लगे। अधिकतर लोग बाल कटवाने के लिए पहुंचे। लोगों का कहना था कि इस दो महीने घर में शेविंग तो किसी तरह कर लेते थे, लेकिन बाल नहीं कटवा पाए, इस दिन का लंबे समय से इंतजार था। ऐसे में ऑफिस जाने से पहले ही सबसे पहले सैलून में पहुंच गए हैं। वहीं सैलून चलाने वालों में भी काफी उत्साह देखने को मिला। पहले दिन सुबह 6 से 7 बजे के बीच ही सैलून खोल दिए, ताकि ऑफिस जाने वाले लोग सुबह आ सकें।

सैलून चलाने वाले भी कोरोना नियमों का पालन करते दिखे
रोहिणी, अशोक विहार, किराड़ी, रमेश एनक्लेव, नरेला, अलीपुर, नेताजी सुभाष प्लेस, पीतमपुरा, नांगलोई, सुल्तानपुरी, मंगोलपुरी के अलावा अन्य कई जगहों पर सोमवार सुबह 7 बजे से ही लोग सैलून पर पहुंचने लगे। इस दौरान सैलून चलाने वाले भी कोरोना नियमों का पालन करते दिखे। सीट के हिसाब से ही कस्टमर अंदर बुला रहे थे, बाकी कस्टमर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सैलून के बाहर ही अपने नंबर आने का इंतजार करते रहे।

सैलून खोलते ही कस्टमर के आने लगे फोन
पीतमपुरा में सैलून चलाने वाले जावेद ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद वह अपने गांव यूपी चले गए थे। एक सप्ताह पहले ही दिल्ली आए थे, इस उम्मीद के साथ शायद बाजारों की तरह सैलून भी खुल जाए। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सोमवार को सैलून खुल ही गए। सुबह सैलून खोलते ही कस्टमर के फोन आने शुरू हो गए, सभी को बारी-बारी बोला रहे हैं। एक साथ हम किसी को यहां नहीं बोला रहे हैं। इसके साथ ही शेविंग के दौरान कस्टमर को मास्क लगाना संभव नहीं है, ऐसे में हम मास्क लगाकर ही लोगों का शेविंग कर रहे हैं।

दो महीने बाद कटवाए बाल
प्रताप विहार के सैलून पर हेयर कटिंग के लिए आए सुनील ने बताया कि आज दो महीने बाद बाल कटवा रहे हैं, कई दिनों से ऑफिस जा रहा था, बाल काफी लंबे होने से अच्छा नहीं लग रहा था। ऑफिस जाने से पहले ही बाल कटवा रहे हैं। नेताजी सुभाष प्लेस में सैलून चलाने वाले मनोज ने बताया कि हम चार लोग पार्टनरशिप में सैलून चला रहे हैं। हमें लंबे समय से सैलून खुलने का इंतजार था, दो महीने बिना काम किए ही किराया और बिजली बिल भरना पड़ा है।

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